हम पंछी उन्मुक्त गगन के कविता के कवि का नाम लिखिए तथा यह बताइए कि पंछी खाना कटोरी की मैदा से कटुक निबोरी को अच्छा क्यों मान रहे हैं?
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हम पंछी उन्मुक्त गगन के Hum Panchhi Unmukt Gagan Ke Hum Panchhi Unmukt Gagan Ke हम पंछी उन्मुक्त गगन के Class VII Hindi Poem Hindi Poetry from Class VII Basant Book हम पंछी उन्मुक्त गगन के कविता में कवि शिवमंगल सिंह सुमन जी पंछी के माध्यम से मनुष्य जीवन में स्वतंत्रता के महत्व को दर्शाया है।
हम पंछी उन्मुक्त गगन के कविता के कवि का नाम लिखिए तथा यह बताइए कि पंछी खाना कटोरी की मैदा से कटुक निबोरी को अच्छा क्यों मान रहे हैं?
'हम पंछी उन्मुक्त गगन' के कविता के कवि का नाम शिवमंगल सिंह सुमन है।
पंछी सोने कटोरी की मैदा से बने पकवना की अपेक्षा कटुक निबोरी को अच्छा इसलिए मान रहे हैं, क्योंकि जो मैदा के पकवान उन्हें पिंजरे में मिल रहे हैं वे गुलामी का प्रतीक हैं।
गुलामी के जीवन में रहकर उन्हें अच्छे-अच्छे पकवान भी पसंद नहीं चाहे, वह सोने की कटोरी में लजीज स्वादिष्ट पकवान क्यों ना हो। स्वतंत्र जीवन में अपने परिश्रम से जुटाई गई कड़वी निबोरी उन्हें बहुत अच्छी लगती है, क्योंकि इसमें उनके परिश्रम की मिठास होती है, वहीं उनकी स्वतंत्रता की छाया भी होती है।
इस तरह पंछी गुलामी के जीवन में अच्छे-अच्छे पकवान की जगह आजादी के जीवन में सीधे-साधे भोजन को अधिक महत्व देते हैं।
#SPJ3
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