हम पंछी उन्मुक्त गगन के कविता का मूल संदेश अपने शब्दो मे लिखिए
Answers
Explanation:
कविता हमे यह संदेश देती है कि हमे पक्षी को पिंजरे में बंद नही करना चाहिए ।। वो तो स्वतन्त्र आकाश के लिए ही बने है।।।।।
Answer:
कवि लिखते हैं की पक्षी को भले ही पिंजरे में सभी सुख सुविधाएं मिलती रहे लेकिन वह
प्रकृति में स्वतंत्र उड़ने के लिए सदैव लालायित रहेगा। जब कभी उसे अवसर मिलेगा वह उड़ जायेगा। पक्षी निवेदन करता है कि उसकी उड़ान में बाधा न डाली जाए।
Explanation:
पंछियों के माध्यम से कवि कहता है कि सोने की छड़ों से बनी जेल में रहते हुए हमने अपनी उड़ान और उसकी गति को याद किया है। अभी तो दर्शन में ही लगता है कि वे मान लेते हैं कि वे पेड़ की सबसे ऊंची चोटी पर झूल रहे हैं, बॉक्सिंग पंछी बताते हैं कि हमारी ऐसी चाहत थी कि नीला आकाश आकाश की सीमा को महसूस करे और अनार की डली अपने लाल रंग से चोंच आकाश के तारों को खा जाती है। इन पंक्तियों में पक्षी कहते हैं कि आकाश के छोरों को छूते समय उनके पंखों में इस तरह का विरोध होता था कि वे क्षितिज तक पहुंच जाते या उड़ते समय अपनी जान गंवा देते। पक्षियों का जुनून यह है कि अगर वे उन्हें जीने के लिए गर्भगृह नहीं देते हैं, तो वे वास्तव में एक शाखा को गर्भगृह नहीं देते हैं, लेकिन भगवान ने हमें पंख दिए हैं, इसलिए हमारी उड़ान में बाधा न डालें, हम स्वतंत्र रूप से उड़ें।
#SPJ2