Hindi, asked by mannatkhanna48, 2 months ago

हम पंछी उन्मुक्त गगन के कविता के मूलभाव को ध्यान में रखते हुए स्वनिर्मित कविता लिखिए

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Answered by nitashreetalukdar
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Explanation:

व्याख्या - हम पंछी उन्मुक्त गगन के कविता में कवि शिवमंगल सिंह सुमन जी पंछी के माध्यम से मनुष्य जीवन में स्वतंत्रता के महत्व को दर्शाया है। कविता में पंछी अपनी व्यथा का वर्णन करता हुआ कहता है कि हम पंछी स्वतंत्र आकाश में उड़ने वाले हैं। अपना गान हम पिंजरों में गा नहीं पायेंगे। पिंजड़ा भले ही सोना का बना हो ,हमारे आकाश में उड़ने वाले पंख इससे टकराकर टूट जायेंगे। हम बहता हुआ पानी अर्थात नदियों का पानी पीने वाले हैं। हमारे लिए सोने की कटोरी में रखी हुई मैदा से कहीं भली नीम की कड़वी निबोरी है। हम भूखें प्यासे मर जाना पसंद करेंगे न कि पिंजड़े का गुलामी जीवन जीना। 

Answered by amarjyotijyoti87
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Explanation:

हम पंछी उन्मुक्त गगन के का भावार्थ

हम पंछी उन्मुक्त गगन के भावार्थ - पिंजरे में बंद पंछियों का कहना है कि हम खुले आकाश में विचरण करने वाले पक्षी हैं। हम पिंजरे में बंद होकर नहीं रह सकते सोने के पिंजरे की सलाखों से टकरा-टकराकर हमारे कोमल पंख टूट जाएंगे।

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