Hindi, asked by renysudu, 14 days ago

हम पंछी उन्मुक्त गगन के कविता में पक्षी सपना देखते हैं​

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Answered by ritikasingh9940
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Answer:

हम पंछी उन्मुक्त गगन के कविता का मूल भाव /सारांश

पराधीन व्यक्ति सिर्फ सपने देख सकता है। वह स्वतंत्र रूप में विचरण नहीं कर सकता है। कविता के प्रारंभ में ही पंछी आकाश में स्वतंत्र रूप से विचरण करने की कामना करते हैं। उनके पुलकित पंख सोने के पिंजरों की तीलियों से टकराकर टूट जायेंगे।

Answered by mahirafatima909
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Answer:

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Explanation:

हम पंछी उन्मुक्त गगन के कविता में पंछी आजादी का सपना देखते हैं।

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