'हम पंछी उन्मुक्त गगन के' कविता में पक्षियों के माध्यम से कवि क्या कहना चाहते हैं ?
किसी पंक्षी का चित्र बनाते हुए पक्षियों की हमारे जीवन में भूमिका को स्पष्ट करें।
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हम पक्षी उन्मुक्त गगन के इस कविता में कवि का यह कहना है कि पक्षी है कहते हैं कि हम उन्मुक्त गगन के पक्ष में हैं हमें उन्मुक्त गगन में ही जीना है तथा फिर भी लोग उन्हें पिंजरे में बंद कर देते हैं और वह नदी का पानी पीने वाले पत्तों को खाने वाले उन छोटे से पिंजरे में नहीं रह पाते तथा उन्हें पिक्चरों में अपना दम गोल्ड देते हैं और मर जाते हैं
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