हम पंछी उन्मुक्त गगन के कविता से प्रेरणा लेकर हम अपने जीवन में क्या-क्या बदलाव कर सकते हैं
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Answer:
सोने के पिंजरे और सोने की कटोरी में मैदा खाने से जीवन का अभिप्राय सफल नहीं होता है। पराधीन व्यक्ति सिर्फ सपने देख सकता है। वह स्वतंत्र रूप में विचरण नहीं कर सकता है। कविता के प्रारंभ में ही पंछी आकाश में स्वतंत्र रूप से विचरण करने की कामना करते हैं।
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Explanation:
इसका ये मतलब है कि हम आजाद है हमें पिंजरे में नहीं रहना हम भी इस गगन की ऊंचाई को छूना चाहते है...
stay safe nd healthy....❤️
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