Hindi, asked by ananyabehera2017, 9 months ago

हम पंछी उन्मुक्त गगन के
पिंजर्ब्धा न गा पाएँगे
कनक-तिलियो से टकराकर
पुलकित पंख तो तोत जायेंगे
it is a paragraph not question ​

Answers

Answered by mismarttv94
2

Answer:

पिंजरबद्ध न गा पाएँगे, ... कनक-कटोरी की मैदा से,. व्याख्या - हम पंछी उन्मुक्त गगन के कविता में कवि शिवमंगल सिंह सुमन जी पंछी के माध्यम ... व्याख्या - कविता में पंछी कहते हैं कि यदि हम आजाद होते तो सीमाहीन आकाश की सीमा को पार कर लेते। ... उनके पुलकित पंख सोने के पिंजरों की तीलियों से टकराकर टूट जायेंगे।

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