हम पंछी उन्मुक्त गगन के
पिजरबद्ध न गा पाएंगे,
कनक तीलियों से टकराकर
पुलकित पंख टूट जाएंगे।
हम बहता जल पीने वाले
मर जाएंगे भूखे - प्यासे,
कहीं भली है कटुक निबोरी
कनक- कटोरी की मैदा से ।
(क) पंख किस से टकराकर टूट जाएंगे?
(ख) पक्षी किस प्रकार के बंधन में अपनी गति उड़ान सब भूल गए?
(ग) कनक कटोरी की मैदा से अच्छा पंछी ने किसे कहा है?
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(क). पंख पिंजरे से टकराकर टूट जाएंगे।
(ख). पक्षी पिंजरे मे बंध. होने के कारण से अपनी गति उड़ान सब भूल गए।
(ग). कनक कटोरी कि मैदा.से पंछी ने नदी के जल को अच्छा कहा है।
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हम पंछी उन्मुक्त गगन के
पिजरबद्ध न गा पाएंगे,
कनक तीलियों से टकराकर
पुलकित पंख टूट जाएंगे।
हम बहता जल पीने वाले
मर जाएंगे भूखे - प्यासे,
कहीं भली है कटुक निबोरी
कनक- कटोरी की मैदा से ।
(क) पंख किस से टकराकर टूट जाएंगे?
(ख) पक्षी किस प्रकार के बंधन में अपनी गति उड़ान सब भूल गए?
(ग) कनक कटोरी की मैदा से अच्छा पंछी ने किसे कहा है?
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