Hindi, asked by nidhi4951, 5 hours ago

हम पंछी उन्मुक्त गगन के पिंजरबद्ध न गा पाएंगे, कनक- तीलियों से टकराकर ● पुलकित पंख टूट जाएँगे । भाव स्पष्ट कीजिए​

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Answered by vdrtrupti
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Answer:

पुलकित पंख टूट जाएँगे

Explanation:

पुलकित पंख टूट जाएँगे। भावार्थ- कविता की इन पंक्तियों में पंछियों की स्वतंत्र होने की चाह को दर्शाया है। इन पंक्तियों में पक्षी मनुष्यों से कहते हैं कि हम खुले आकाश में उड़ने वाले प्राणी हैं, हम पिंजरे में बंद होकर खुशी के गीत नहीं गा पाएँगे।

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