Hindi, asked by aayushkhembavi12, 2 months ago

‘हम पंछी उन्मुक्त ’ कविता में क्षितिज को सीमाहीन क्यों कहा गया है?​

Answers

Answered by deepakshi42
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Explanation:

कविता में पंछी कहते हैं कि यदि हम आजाद होते तो सीमाहीन आकाश की सीमा को पार कर लेते। हमारे पंखों की उड़ान से आकाश की क्षितिज की प्रतिस्पर्धा होती। इस प्रतिस्पर्धा में हम आकाश की ऊँचाईयों को माप पाते या हमारे प्राण पंखेरू उड़ जाते। पंछी कहते हैं कि हमें भले ही रहने का स्थान न दो ,हमारे घोसलों को नष्ट कर डालो

Answered by akshitaranjan099
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Answer:

इस कविता में क्षितिज को सीमाहीन इसलिए कहा गया है क्योंकि आकाश कहा से शुरू और कहा खत्म होता है यह कोई नहीं जानता। कोई इसके छोर तक नहीं पहुंच पाया

Explanation:

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