Hindi, asked by ratanlallohar31, 1 month ago

हम प्रभात की नई किरण हैं
ਚੂੜੇ ਲੈ
हैं। यह
देशभक्ति के आव से
ਇਨ ਟਨ
हम प्रभात की नई किरण हैं,
हम दिन के आलोक नवल।
हम नवीन भारत के सैनिक,
धीर, वीर, गंभीर, अचल।
हम प्रहरी ऊँचे हिमगिरि के,
सुरभि स्वर्ग की लेते हैं।
हम हैं शांतिदूत धरणी के,
छाँह सभी को देते हैं।
वीर-प्रसू माँ की आँखों के,
हम नवीन उजियाले हैं।
गंगा-यमुना, हिंद महासागर
के हम रखवाले हैं।
हम हैं शिवा-प्रताप, रोटियाँ
भले घास की खाएँगे।
मगर किसी जुल्मी के आगे,
मस्तक नहीं झुकाएँगे।
रामधारी सिंह 'दिनकर'
"सके साथ ही उन्हें कविता का मूल भाव भी सरल शब्दों में समझाएँ।​

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Answered by sujatagupta9871
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