Hindi, asked by starsanidhya209, 7 months ago

हम प्रचंड की नई किरण हैं, हम दिन के आलोक नवल।हम नवीन भारत के सैनिक, धीर, वीर, गंभीर, अचल।हम प्रहरी ऊँचे हिमाद्रि के, सुरभि स्वर्ग की लेते हैं।हम हैं शांति-दूत धरणी के, छाँह सभी को देते हैं।वीर प्रसू माँ की आँखों के, हम नवीन उजियाले हैं।गंगा, यमुना, हिंद महासागर के हम ही रखवाले हैं।तन-मन-धन तुम पर कुर्बान,जियो, जियो जय हिंदुस्तान !हम सपूत उनके, जो नर थे, अनल और मधु के मिश्रण।जिनमें नर का तेज प्रखर था, भीतर था नारी का मन।एक नयन संजीवन जिनका, एक नयन था हालाहल।जितना कठिन खड्ग था कर में उतना ही अंतर कोमल।थर-थर तीनों लोक काँपते थे जिनकी ललकारों पर।स्वर्ग नाचता था रण में जिनकी पवित्र तलवारों पर।हम उन वीरों की संतानजियो, जियो जय हिंदुस्तान।


कविता में ‘हम’ कौन है ?
भारतवासी हिंदुस्तान पर क्या-क्या न्योछावर करना चाहते हैं?
पद्यांश में ‘अनल और मधु के मिश्रण’ का क्या तात्पर्य है
'हिमाद्रि/नवल’ शब्द युग्म का सही अर्थ है-

Answers

Answered by richap254
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