Hindi, asked by rrai9210, 7 hours ago

'हम पक्षी उन्मुक्त गगन के' कविता का सारांश अपने शब्दों में लिखें।

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Answered by meizu
4

Answer:

हम पंछी उन्मुक्त गगन के भावार्थ - पिंजरे में बंद पंछियों का कहना है कि हम खुले आकाश में विचरण करने वाले पक्षी हैं। हम पिंजरे में बंद होकर नहीं रह सकते सोने के पिंजरे की सलाखों से टकरा-टकराकर हमारे कोमल पंख टूट जाएंगे। ... वास्तव में पक्षी खुले वातावरण में घूम-घूमकर बहता जल पीकर और नीम की निबौरी को खाकर ही खुश रहते हैं।

Answered by XxBrainlyMasterxX
6

● please see in attachment.

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