Hindi, asked by anamika851, 9 months ago

"हम पक्षी उन्मुक्त गगन के" पर 80 से 100 शब्दों के बीच में अनुच्छेद लिखिए।

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Answers

Answered by sakshikashyap453
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हम पंछी उन्मुक्त गगन के

यह एक कविता है जिसके माध्यम से यह बताया जा रहा है कि पंछी उन्मुक्त होकर नीले आसमान में उड़ान भरना चाहते हैं

उन्हें पिंजरे में रहना नहीं चाहते हैं चाहे पिंजरा सोने का हो या किसी और पदार्थ का उन्हें आसमान से ज्यादा कोई प्यारा नहीं है उनका कहना है कि अगर वो पिंजरे में कैद रहते हैं तो उनके पंख तीलीयों से टकराकर टूट जाएंगे जिस तरह हमें अपनी आजादी पसंद है ठीक उसी तरह सभी को अपनी आजादी पसंद है

वो नदी के बहते हुए पानी को पीने fवाले हैं वो उस पिंजरे में कैद रहकर भूखे प्यासे मर जाएंगे कुछ पंछी सोने के पिंजरे में कैद होकर अपनी गति और उड़ान सब भूल गए हैं सिर्फ अपने सपनों में देख रहें हैं पेड़ कि डालियों पर वह झूल रहे हैं उनके अरमान थे कि नीले गगन कि सीमा को छूते और अपनी चोंच से छोटे छोटे अनार के दाने चुनते इन पंछियों की दौड़ होती इस सीमाहीन क्षितिज से या तो यह मिलन बन जाता या इनकी मृत्यु हो जाती

अंत में यह बताया गया है कि चाहे इन्हें पानी न दे या टहनी पर से इनके घोंसले को तोर डालें लेकिन जब इन पंछियों को पंख दिए हैं तो इनको उड़ने से रोके न ।

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Answered by Anonymous
7

Answer:

. पक्षी उन्मुक्त रहकर अपनी कौन-कौन सी इच्छाएँ पूरी करना चाहते हैं?

उत्तर:- पक्षी उन्मुक्त होकर वनों की कड़वी निबोरियाँ खाना, खुले और विस्तृत आकाश में उड़ना, नदियों का शीतल जल पीना, पेड़ की सबसे ऊँची टहनी पर झूलना और क्षितिज से मिलन करने की इच्छाओं को पूरी करना चाहते हैं।

3. भाव स्पष्ट कीजिए –

“या तो क्षितिज मिलन बन जाता/या तनती साँसों की डोरी।”

उत्तर:- प्रस्तुत पंक्ति का भाव यह है कि पक्षी क्षितिज के अंत तक जाने की चाह रखते हैं, जो कि मुमकिन नहीं है परन्तु फिर भी क्षितिज को पाने के लिए पक्षी किसी भी स्थिति का सामना करने के लिए तैयार है यहाँ तक कि वे इसके लिए अपने प्राणों को भी न्योछावर कर सकते हैं।

NCERT Solutions for Class 7 Hindi Ham Panchhee Unmukt Gagan Ke

4.1 बहुत से लोग पक्षी पालते हैं –

पक्षियों को पालना उचित है अथवा नहीं? अपना विचार लिखिए।

उत्तर:- मेरे अनुसार पक्षियों को पालना बिल्कुल भी उचित नहीं है क्योंकि ईश्वर ने उन्हें उड़ने के लिए पंख दिए हैं, तो हमें उन्हें बंधन में रखना सर्वथा अनुचित है। अपनी इच्छा से ऊँची-से-ऊँची उड़ान भरना, पेड़ों पर घोंसले बनाकर रहना, नदी-झरनों का जल पीना, फल-फूल खाना ही उनकी स्वाभाविक पशु प्रवृत्ति है। आप किसी को भी कितना ही सुखी रखने का प्रयास करें परंतु उसके स्वाभाविक परिवेश से अलग करना अनुचित ही माना जाएगा।

4.2 क्या आपने या आपकी जानकारी में किसी ने कभी कोई पक्षी पाला? उसकी देखरेख किस प्रकार की जाती होगी, लिखिए।

उत्तर:- एक बार एक घायल कबूतर हमारे घर आ गया। जिसकी हमने देखभाल की और उसके ठीक होने के बाद वह हमारे साथ ही रहने लगा। सब घरवालों के लिए वह कौतूहल का विषय बन गया था। हम सब घरवाले एक नन्हें बच्चे की तरह उसकी देखभाल करते थे। उसे रोज नहलाया जाता। उसके खाने-पीने का बराबर ख्याल रखा जाता। इस प्रकार से हम अपने पक्षी का पूरा ख्याल रखते थे।

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5. पक्षियों को पिंजरे में बंद करने से केवल उनकी आज़ादी का हनन ही नहीं होता, अपितु पर्यावरण भी प्रभावित होता है। इस विषय पर दस पंक्तियों में अपने विचार लिखिए।

उत्तर:- पक्षियों को पिंजरों में बंद करने से सबसे बड़ी समस्या पर्यावरण में आहार श्रृंखला असंतुलित हो जाएगी। जैसे घास को छोटे कीट खाते हैं तो उन कीटों को पक्षी। यदि पक्षी न रहे तो इन कीटों की संख्या में वृद्धि हो जाएगी जो हमारी फसलों के लिए उचित नहीं है। इस कारण पर्यावरण असंतुलित हो जाएगा। पक्षी जब फलों का सेवन करते हैं तब बीजों को यहाँ वहाँ गिरा देते हैं जिसके फलस्वरूप नए-नए पौधों पनपते हैं। कुछ पक्षी हमारी फैलाई गंदगी को खाते हैं जिससे पर्यावरण साफ़ रहता है यदि ये पक्षी नहीं रहेंगे तो पर्यावरण दूषित हो जाएगा और मानव कई बीमारियों से ग्रस्त हो जाएगा अत: जिस प्रकार पर्यावरण जरुरी है, उसी प्रकार पक्षी भी जरुरी हैं।

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