CBSE BOARD XII, asked by shivamshakya63164, 8 months ago

हमारे आहार में मौजूद प्राकृतिक खाद्य के स्वास्थ्य लाभ हैं, जिन्हें कहा जा सकता है- ​

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Answered by LastShinobi
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Answer:

किन्तु प्रकृति सदा ही मानव की सेवा में रही है। प्रकृति में भी आपरूपी पैदा होने वाले खाद्य पदार्थ हैं जो पोषाहार की कमी को पूरा करने में सहायक हो सकते हैं। आवश्यकता है जानकारी की, ज्ञान सशक्तिकरण की। गरीबों का भोजन कहे जाने वाले खाद्य पदार्थों, में पाये जाने वाले पोषक तत्वों, को उजागर करने का यह एक छोटा सा प्रयास है। इस लेख में स्वास्थ्य के लिए पोषाहार जैसे प्रोटीन, वसा, कार्बोहायड्रेट, उर्जा तथा विटामिनों, खनिज एवं लवण की आवश्यकता, मात्रा आदि का वर्णन है। इसे जानकार एवं सही रूप में उपयोग कर, पोषाहार की कमी द्वारा जनित रोग जैसे कुपोषण, रक्तअल्पता (एनेमिया), अंधापन, घेंघा आदि रोगों से बचने का प्रयास कर सकते हैं। इन रोगों के शिकार, अधिकतर गर्भवती स्त्रियाँ, दूध पिलाने वाली माताएँ, एक से तीन वर्ष के बच्चे तथा अन्य स्त्रियाँ अधिक होती हैं और वे बहुधा मृत्यु के कारण बनते हैं। अतः गृहस्वामिनियों को इसकी पूरी जानकारी देने की जरूरत है, जिससे कि वे इन्हें भोजन में शामिल कर सकें।पोषाहार के तीन मुख्य घटक हैं- प्रोटीन, वसा और कार्बोहाइड्रेट

(क) प्रोटीन एवं उनके कार्य

प्रोटीन किसी भी प्राणी के लिए प्राणाधार है। यह शरीर की कोशिकाओं एवं उत्तकों के लिए संगठक हैं। शारीरिक गठन एवं मानसिक विकास के लिए प्रोटीन आवश्यक है। वह गर्भस्त शिशु का पोषण करता है, माँ के स्तनों में दूध बढ़ाता है, शैशव काल से वयस्क होने तक की दैनिक आवश्यकताओं की पूर्ति करता है। शरीर की कोशिकाओं और उत्तकों में कार्य के दौरान तोड़-फोड़ की मरम्मत करता है। शरीर के प्रतिरक्षा तंत्र या रोधक शक्ति बढ़ाने में भी इसकी मुख्य भूमिका रहती है।

(ख) दैनिक आवश्यकता

इसकी दैनिक आवश्यकता एक ग्राम प्रति किलोग्राम शारीरिक वजन। कहने का तात्पर्य यही है यदि किसी शरीर का वज़न 52 किलोग्राम है तो सुबह से रात्रि के भोजन तक में खाए गए पदार्थों में कम से कम 52 ग्राम प्रोटीन की आवश्यकता है बढ़ने वाले बच्चों, गर्भवती स्त्रियों तथा दूध पिलाने वाली माताओं में इसकी आवश्यकता अधिक होती है।

एक ग्राम प्रोटीन लगभग 4.2 किलो कैलोरी उर्जा प्रदान करता हैं उर्जा को किलो कैलोरी (किo कैo) में मापा जाता है। एक किलोग्राम जल को 100 डिग्री फारेनहाइट तक उबालने में जितनी उर्जा लगती है उसी को एक किलो कैलोरी कहते हैं।

(ग) प्रोटीन की कमी से शरीर को क्या नुकसान होता है?

प्रोटीन की कमी से शरीर को कई नुकसान हैं-

1- माँस पेशियाँ गठीलस न होकर कमजोर, नरम हो जाती है।

2- शरीर की रोधक शक्ति कम होने से बार-बार स्वास्थ्य खराब होते रहता है।

3- शरीर में कमजोरी महसूस होती है।

4- सोचने की शक्ति धीमी होती है।

5- गर्भ में भ्रूण का समुचित विकास नहीं हो पाता

6- दूध पिलाने वाली माताओं के स्तन में दूध की कमी

7- शिशु से लेकर वयस्क होने की अवधि में पूर्ण शारीरिक तथा मानसिक विकास नहीं होता।

परिष्कृत सर्करा एवं वसा (चर्बी) को छोड़कर सभी खाद्य पदार्थो में प्रोटीन, कम या अधिक मात्रा में पाया जाता है।

(घ) मुख्य स्त्रोत

प्रोटीन के मुख्य स्त्रोत दूध, फली, गिरि, दाल, पनीर सोयाबीन, खोया, माँस, मछली, अण्डा तथा अनाज की उपरी परत जिसे कोढ़ी / लुपुः / लोबोः नाम से जाना जाता है।

प्रति 100 ग्राम खाद्य पदार्थ खाने पर हमें कितना प्रोटीन मिलता है इसका विवरण दिया जा रहा है। भोजन में वैसा ही मिश्रण समावेश कर प्रोटीन की दैनिक आवश्यकता की पूर्ति कर प्रोटीन की कमी से जनित नुकसान की भरपाई की जा सकती है।

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