हमारा अतीत या इतिहास भविष्य को सुखद कैसे बना सकता है?
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भविष्य के आधार पर सब आज का निर्णय लेना चाहते हैं। भविष्य सुरक्षित रहे, भविष्य में सुख हो ऐसे निर्णय आज लेने का प्रयत्न रहता है। अपने जीवन को देखिए, क्या आपके अधिकतर निर्णय के पीछे भविष्य का विचार नहीं होता? हो भी क्यों नहीं, अपने जीवन को सफल और सुखमय बनाने का अधिकार सबका है। भविष्य कोई नहीं जानता, केवल कल्पना ही की जा सकती है। हम जीवन के महत्वपूर्ण निर्णय कल्पनाओं के आधार पर ही करते हैं। क्या निर्णय करने का कोई तीसरा मार्ग भी हो सकता है?
गीता में कहा गया है कि सारे सुखों का आधार धर्म है और वह धर्म हर किसी के मन में बसता है। तो प्रत्येक निर्णय से पूर्व स्वयं अपने हृदय से पूछ लो कि यह निर्णय स्वार्थ से जन्मा है या धर्म से? भविष्य के बदले धर्म का विचार करने से भविष्य अधिक सुखपूर्ण होगा।
भविष्य जानने की उत्सुकता ही व्यक्ति को ज्योतिषी के पास खींच लाती है। बहुतों का मानना है कि ज्योतिष भविष्य बताने की विद्या है और ज्योतिषी अगर वास्तव में ज्ञाता है तो अपने ज्योतिष के ज्ञान से किसी भी व्यक्ति का भविष्य बता सकता है। परंतु इसी मान्यता के प्रभाव में हम अक्सर ऐसे ज्योतिषियों के फंदे में पड़ जाते हैं जो स्वयं अपना भविष्य नहीं जानते। ऐसे ज्योतिषी अपनी भविष्यवाणी में आपके बारे में कुछ ऐसी बातें कहता है, जिन्हें सुनकर आपको लगता है कि वह बिलकुल सही कह रहा है। वास्तव में वह जो बातें आपसे कह रहा होता है, वे बेहद सामान्य बातें होती हैं और वे बातें प्रत्येक व्यक्ति पर लागू हो जाएंगी। यदि आप स्वयं भी उन बातों को किसी अन्य व्यक्ति से कह दें तो वह भी आपसे उतना ही प्रभावित हो जाएगा जितना कि आपको ज्योतिषी ने किया होता है। क्योंकि यहां मनोविज्ञान काम कर रहा होता है और मनोविज्ञान के कारण ज्योतिषी द्वारा बताई गई बातें सही प्रतीत होती हैं।
जो अभी आया नहीं है, वह हो कैसे सकता है? जब आएगा, तब होगा अभी तो नहीं है। अतीत जो जा चुका है और भविष्य आया नहीं, इन दोनों के बीच जो छोटा सा समय है वर्तमान का, वही अस्तित्ववान है। उसके अतिरिक्त सब कल्पना ही तो है। आपने कितनी बार हाथ की लकीरों को ज्योतषियों को पढ़वाया होगा, कितनी बार आपने ग्रह-नक्षत्रों की गणना और चाल जानने की कोशिश की होगी, न जाने कितनी बार आपने अपनी जन्मकुंडली पर विशेषज्ञों से सलाह ली होगी, फिर भी आप अपने भविष्य के बारे में कुछ नहीं जानते, उसे लेकर अंधेरे में हैं। और जीने की एकमात्र वजह भी यही है कि आप नहीं जानते अगले पल क्या होने वाला है। तो क्या उसे सब कुछ भाग्य के भरोसे छोड़कर निठल्ला बैठ जाना चाहिए, नहीं ना? वर्तमान ही वह समय है, जो अतीत को भुलाने और भविष्य को संवारने का सामर्थ्य देता है।
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Answer:
इतिहास की पढ़ाई न केवल छात्रों के ज्ञान का विस्तार करती है, बल्कि उनके करियर की राह भी आसान बनाती है। इतिहास के अध्ययन के बाद छात्र कई ऐसे गुणों से वाकिफ हो जाता है, जिसके जरिए वह एडमिनिस्ट्रेटिव और मैनेजमेंट के विभिन्न पदों पर सफलतापूर्वक काम कर सकता है। ...
Explanation:
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