हमारा भारत पहले अंग्रेजों का गुलाम था।अंग्रेजो ने हमारे देश को परतंत्र बनाए रखने के ललए
अनेक हथकं डे अपनाए।उन्होंने न के वल हमारा अनवरत शोषण ककया अभी तो हमें हीन भावना से भी
ग्रस्त कर ददया। उन्होंने हमारे देश को मनमाने ढंग से लूटा। यह लूटना केवल आर्थिक थी बल्कक
सांस्कृततक भी थी। लगभग 200 वषों की गुलामी ने भारत के राष्ट्रीय स्वालभमान को रौंद डाला हमारी
संस्कृतत को समाप्त कर ददया, हमारे ववश्वासों को दहला ददया और हमारे आत्मववश्वास को चकनाचूर कर
ददया। ककंतुअपने इस बूढे देश से प्यार करने वाले,इसके एक संके त मात्र से अपने प्राण न्योछावर करने
वाले दीवानों का अभाव ना एक आवाज उठी और देखते ही देखते राष्ट्रीयता का दबा हुआ आपने
ववश्वास उन्मत्त हो उठा। इततहास साक्षी है जाने और अनजाने सहस्त्र ओ देशभक्त स्वतंत्रता की अनमोल
तनर्ि को पाने के ललए शहीद हो गए।बहुत ही कदठनाई और लाखों कुबाितनयों के बाद हमें स्वतंत्रता प्राप्त
हुई।आज स्वतंत्रता की अनमोल तनर्ि को सुरक्षक्षत रखने का दातयत्व नवयुवकों पर है।देश को आगे ले
जाने और ववकलसत करने का भार उन्हीं के कं िों पर है।आगे भी हम अपनी स्वतंत्रता को बनाए रखेंगे।
हमें यकीन है कक वे देश को उसका वह पुराना गौरवशाली अतीत लौट आएंगे जब भारत को सोने की
र्चड़िया कहा जाता था।
क) गुिामी के 200 िषों िे भाित को कै से क्षनतग्रस्त ककया?
ख) भाित को बडा देश क्यों क ा गया ै?
ग) िाष्ट्र का दबा ुआ आत्मविश्िास का आशय स्पष्ट्ट कीजिए।
घ) इनत ास ककसका साक्षी ै?
ङ) गदयािंश का उचचत शीषाक दीजिए।
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Pta nhi bro maine yeh kahin nhi padha
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