Hindi, asked by sanjanabhagat26, 8 months ago

हमारी हिन्दी सजीव भाषा है। इसीसे, सम्पर्क के प्रभाव से, उसने अरबी, फारसी और तुर्की भाषाओं तक के शब्द ग्रहण कर लिए हैं और अब अंगरेज़ी-भाषा के भी शब्द ग्रहण करती जा रही है। इसे दोष नहीं, गुण ही समझना चाहिए । क्योंकि अपनी इस ग्राहिका शक्ति के प्रभाव से हिन्दी अपनी वृद्धि ही कर रही है, हास नहीं । ज्यो ज्यों उसका प्रचार बढ़ेगा त्यों त्यो उसमें नये नये शब्दों का आगमन होता जायगा। क्या नियन्त्रण के किसी भी पक्षपाती में यह शक्ति है कि वह जातियों के पारस्परिक सम्बन्ध को तोड़ दे अथवा भाषाओं का सम्मिश्रण-क्रिया में रुकावट पैदा कर दे ? यह कभी सम्भव नहीं। हमें केवल यह देखते रहना चाहिए कि इस सम्मिश्रण के कारण कहीं हमारी भाषा अपनी विशेषता को तो नहीं खो रही-कहीं बीच बीच में अन्य भाषाओं के बेमेल शब्दों के योग से वह अपना रूप विकृत तो नहीं कर रही। मतलब यह कि दूसरोंके शब्द, भाव और मुहावरे ग्रहण करने पर भी हिन्दी हिन्दी ही बनी है या नहीं। बिगड़ कर कहीं वह और कुछ तो नहीं होता जा रही,<br />इस गद्यांश का उचित शीर्षक बताइए? <br />इस गद्यांश का सारांश लिखिए? <br />इस गद्यांश के अनुसार हिंदी भाषा का महत्व बताइए?​

Answers

Answered by mananjain89
6

Answer:

I will follow you plz mark it brainliest answer plz plz plz plz

Answered by franktheruler
0

इस गद्यांश का उचित शीर्षक बताइए?

  • दिए गए गद्यांश का उचित शीर्षक होगा " हमारी शुद्ध हिन्दी भाषा "

इस गद्यांश का सारांश लिखिए

  • हिंदी भाषा को सजीव भाषा की उपमा दी गई है। हिंदी भाषा में अरबी, फारसी, तुर्की भाषाओं के शब्द ग्रहण किए गए है। हिंदी भाषा में अब अंग्रेजी शब्दों का भी प्रयोग होने लगा है। यह कोई दोष नहीं परन्तु गुण ही समझा जाना चाहिए क्योंकि इसके प्रभाव से हिंदी भाषा अपनी वृद्धि ही कर रही है।
  • जैसे जैसे हिंदी का प्रचार बढ़ेगा , वैसे ही नए शब्द ग्रहण किए जाएंगे। भाषाओं का सममिश्रण भाषाओं की वृद्धि में रुकावट नहीं बनना चाहिए। उस बात का ध्यान रखना होगा कि भाषा अपनी विशेषता न खो दे। बेमेल शब्दों के प्रयोग से भाषा कहीं अपना वास्तविक रूप न खो दे।
  • सार यह है कि अन्य भाषाओं के प्रयोग की कोई मनाही नहीं है परन्तु हिंदी भाषा हिंदी ही बनी रहनी चाहिए यह आवश्यक है।

इस गद्यांश के अनुसार हिंदी भाषा का महत्व बताइए?

  • हिंदी भाषा हमारी राष्ट्र भाषा है तथा इस भाषा की विशेषता यह है कि हिंदी भाषा में अन्य भाषाओं के शब्दों का प्रयोग किया जा सकता है परन्तु हिंदी भाषा अपने वास्तविक रूप में ही रहनी आवश्यक है। हिंदी भाषा में बेमेल शब्दों का प्रयोग नहीं होना चाहिए ।
  • आज देश विदेश में हिंदी भाषा का प्रचलन बढ़ रहा है।

#SPJ2

संबंधित प्रश्न

https://brainly.in/question/749735?

https://brainly.in/question/10591098

Similar questions