Hindi, asked by rinapradha59, 1 month ago

हमारे हरि हारिल की लकरी मन कर्म वचन नंदनंदन और यह जलपरी पकरी जागत सोवत सपन दिवस माहिती कहना कहना है जग रही सुना तू जोकर लगता है ऐसे जिओ कब तक फ्री हो तो बताओ हमको ले आए देखी सुने ना करें यह तो सो रुपए नहीं ले सको जिनके मन चकरी इस पद का भाव सौंदर्य कीजिए ​

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Answered by rinkurajni1986
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हमारे हरि हारिल की लकरी.

मन क्रम वचन नंद-नंदन उर, यह दृढ करि पकरी.

जागत सोवत स्वप्न दिवस-निसि,कान्ह-कान्ह जकरी.

सुनत जोग लागत है ऐसो, ज्यौं करूई ककरी.

सु तौ ब्याधि हमकौं लै आए,देखी सुनी न करी.

यह तौ 'सूर' तिनहिं लै सौंपौ,जिनके मन चकरी.

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