हमारे जीवन में भक्ति का बड़ा महत्त्व है । तुलसीदास के अनुसार संतों की संगति भगवान की
कथा में अनुराग, गुरु-सेवा, भगवान का गुणगान आदि नषणा भक्ति है। भगवयगीता के अनुसार
विष्णु की कथा का श्रवण, कीर्तन, स्मरण आदि नवधा भक्ति है। भक्ति व्यक्ति को स्वता बनाती
है । सगुण देती है । वह हदयों को पो सकती है और सबको एक बना सकती है। यह संकल्प
की दृढ़ता देती है । वह शांति और आनंद देती है। अंत में, वह जीवन मुक्त करती है।
1. तुलसी के अनुसार नवधा भक्ति क्या है?
2.किसके अनुसार विष्णु कथा का अवण, कीर्तन, स्मरण आदि नवधा भनि ।
3.भक्ति आदमी को क्या बनाती है?
4.भक्ति व्यक्ति को क्या देती है।
5.जीवन मुक्त करानेवाला कोन है।
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Pas-hot
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we pray for positive energy and all gods are one
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