हमारे जीवन में योग का महत्व ???
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आइये जानते हैं जीवन में योग का महत्व और लाभ (jeevan me yog ka mahatva aur labh)। आपके मन में एक प्रश्न बार-बार आता होगा की हम योग क्यों करें? जबकि हमें तो मानसिक और शारीरिक रूप से भी कोई समस्या भी नहीं हैं। जब हमारे पास समय ही नहीं हैं और हम स्वस्थ भी है तो फिर हमें योग की क्या आवश्यकता है। आज हम अपने इस लेख से आपके क्यों को दूर करने की पूरी कोशिश करेंगे और आपको जीवन में योग का महत्व समझाएंगे (jeevan me yog ka mahatva)।
योग हमारे शरीर के साथ-साथ हमारे मन को भी स्वस्थ रखता है। योग से आनंद की अनुभूति होती है जैसे एक तरफ सुख और दूसरी तरफ दुःख होता है जबकि आनंद सुख से भी ऊपर होता है।
जब पहली बार योग करते है तब समझ में आता है आनंद क्या होता है। उस आनंद की अनुभूति ना भोग में, ना संभोग में और ना ही अन्य किसी क्षणिक सुखों में है।
योग शब्द के दो अर्थ बताये गये हैं और दोनों ही अर्थ जीवन के लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं। पहला अर्थ है- जोड़ और दूसरा अर्थ है- समाधि (ध्यान)। जब तक हम अपने शरीर को योग कला से नहीं जोड़ते, ध्यान तक जाना असंभव हैं। ऊपर हमने जिस आनंद की चर्चा की उसकी सीढ़ी योग के दूसरे अर्थ ध्यान से शुरू होती है।
ध्यान योग का अतिमहत्वपूर्ण भाग है। ध्यान के माध्यम से शरीर और मस्तिष्क का संगम होता है। ध्यान यानि मेडिटेशन का डंका हमारे देश से भी ज्यादा विदेशों में गूंज रहा है।
आज के समय में जीवनयापन के लिए दिन-रात भाग-दौड़, काम का प्रेशर, रिश्तो में अविश्वास और दूरी आदि के कारण तनाव बहुत ही तेजी से बढ़ रहा है।
ऐसे माहौल में मेडिटेशन से बेहतर और कोई विकल्प नहीं है। ध्यान से मानसिक तनाव दूर होता है और मन को गहन आत्मिक शांति महसूस होती है जिससे कार्य शक्ति में वृद्धि होती है, नींद अच्छी आती है, मन की एकाग्रता एवं धारणा शक्ति बढती है।
आइये योग के पहले अर्थ को समझे। दुनिया में योग के नाम और प्रभाव से कोई अनजान नहीं है। विश्व को शहरीकरण के दौर में स्वस्थ रखने का रामबाण इलाज है योग। जिसके तर्ज पर ही 21 जून को विश्व योगा दिवस मनाया जाता है।
योग सभी के लिए जरूरी है। योग दर्शन और धर्म से परे है और गणित से कुछ ज्यादा है। योग भारत की देन है विश्व को। पूरा विश्व इस कारण से भारत को विश्वगुरु मानता है और योग को अपना रहा है।
इसलिए योग को किसी धर्म विशेष से ना जोड़े। आइये जानें इसके क्या-क्या लाभ है। इसके नियमित अभ्यास से ना केवल सभी प्रकार की बीमारियां दूर होती हैं बल्कि नियमित योग करने से शरीर मजबूत भी होता हैं।
सुबह दैनिक कार्य के पश्चात खुली हवा में बैठकर नियमित 20-30 मिनट योगा करने से शरीर सुन्दर और चुस्त-दुरुस्त बनता है। योग से मन को शांति मिलती है जिससे रक्त संचार ठीक रहता है और हृदय भी स्वस्थ रहता है।