हमारे खान पान, रहने सहन और कपड़ों में भी बदलाव आ रहे हैं । इस बदलाव के पक्ष विपक्ष में बातचीत कीजिए और बातचीत के आधार पर लेख तैयार कीजिए?
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बढ़ते हुए उपभोक्तावादी संस्कृति के कारण संपन्न वर्ग को छोड़कर सामान्य वर्ग भी दिखावे की संस्कृति को अपनाना चाहते हैं
रेनू जी आजकल हम आप देख रहे हैं कि हमारे रहन सहन और कपड़ों में काफी बदलाव आ रहे हैं इसके लिए आप क्या कहना चाहेंगे
खाना क्या चाहेंगे आप तो देख ही रहे हैं आजकल के फैशन और आजकल के बच्चे कपड़ों के लिए रोने लगते हैं जब देखो बस नया कपड़ा चाहिए
Khair आजकल के नए कपड़े काफी सुंदर भी आ रहे हैं इसलिए उनकी भी क्या गलती है
आगे बढ़ने की होड़ में लोग एक दूसरे को पीछे छोड़ देना चाहते हैं इसलिए सब लोग हमारे खान पान और रहन सहन पर हमेशा नजर बनाए रखते हैं
Answer:
वर्तमान में दिन-प्रतिदिन आधुनिकता बढ़ती जा रही है। और इसका विशेष प्रभाव पड़ रहा है हमारे खान-पान, रहन-सहन और पहनावे पर। इस आधार पर मैंने बहुत लोगों से बातचीत की। कुछ ने इसके पक्ष में व कुछ ने इसके विपक्ष में अपने विचार रखे अर्थात् कुछ इस बदलाव को सही कहते हैं और कुछ सही नहीं मानते।
लेकिन मैंने सभी के विचारों से यह निष्कर्ष निकाला कि बदलाव भी जीवन का एक विशेष पहलू है। कुछ बड़े-बुजुर्ग आधुनिकता को जल्दी से अपना लेते हैं; रूढ़िवादी विचारों को त्यागने या उनमें बदलाव लाने में वे संकोच नहीं करते। ऐस लोग युवाओं के भी प्रिय हो जाते हैं व समया नुसार उनका मार्ग-दर्शन भी कर सकते हैं लेकिन दूसरी ओर वे बड़े-बुजुर्ग भी हैं जिन्हें समाज में होता बदलाव अच्छा नहीं लगता। वे अपने प्राचीन विचारों के साथ ही जीना चाहते हैं। एेसे में उनका बात-बात पर नवीन वर्ग के विचारों के साथ मतभेद होता है। ऐसा होने पर बच्चे भी उन्हें उतना सम्मान नहीं दे पाते जितना उन्हें देना चाहिए।
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