हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा किए गए नोट बंदी के बारे में अपने विचार लिखिए ।
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नोटबंदी में जब पुराने नोटों और सिक्कों को बंद करके नए नोट और सिक्के चलाये जाते हैं उसे नोटबंदी कहते हैं। नोटबंदी एक प्रक्रिया होती है जिसमें मुद्रा का कानूनी दर्जा निकाल दिया जाता है और यह सिक्कों में भी लागू होता है। पुराने नोटों और सिक्कों को बदल दिया जाता है और उनकी जगह पर नए नोटों और सिक्कों को लागू कर दिया जाता है।
जब नोटबंदी के नए नोट समाज में आ जाते हैं तो पुराने नोटों की कोई कीमत नहीं रहती है। पुराने नोटों को बैंकों और एटीएम से बदलवाया जाता है। नोटों को बदलवाने के लिए समय निर्धारित किया जाता है। नोटों को बैंक की मदद से बदलवाया जा सकता हैं।
नोटबंदी का कारण : भ्रष्टाचार, कालाधन, नकली नोट, मंहगाई और आतंकवादी गतिविधियों पर काबू पाने के लिए ही नोटबंदी का उपयोग किया जा सकता है। जो लोग भ्रष्टाचारी होते हैं वो काले धन को कैश में छुपाकर रखते हैं जिससे वो उस पर लगने वाले कर से बच सकें।
इसी धन को आतंकवादी कारणों के लिए प्रयोग किया जाता है। नोटबंदी की वजह से ही भ्रष्ट और आतंकवादी लोगों को पुराने नोटों को इस्तेमाल करने की वजह से ही पकड़ा गया है। कभी-कभी तो नकद लेन-देन को हतोत्साहित करने के लिए भी नोटबंदी का सहारा लिया जाता है।
भारत में नोटबंदी : हमारा भारत पहला देश नहीं है जहाँ पर नोटबंदी हुई है। भारत में पहली बार वर्ष 1946 में 500, 1000, और दस हजार के नोटों की नोटबंदी की गई थी। मोरारजी में भी जनवरी, 1978 में 1000, 5000, और 10000 के नोटों को बंद किया गया था | भारत में 2005 में मनमोहन सिंह की सरकार ने भी 2005 से पहले के 500 के नोटों को बदलवा दिया था।
जब यूरोप यूनियम बना तब उन्होंने यूरो नाम की नई करेंसी चलाई थी तब सारे पुराने नोट बैंकों में जमा करवाए गये थे। यूरोप में हुई इस नोटबंदी ने यूरोप में बवाल मचा दिया था लेकिन शायद भारत में हुआ उतना नहीं। जिम्बाब्वे में भी महंगाई से बचने के लिए 2015 में नोटबंदी का प्रयोग किया गया था। भारत में पहले भी नोटबंदी हुई थी परंतु वह इतनी प्रसिद्ध नहीं हुई थी।
आज हम छोटे सिक्कों जैसे 5, 10, 20, 50, 100 पैसों का प्रयोग नहीं करते हैं उन्हें भी बंद किया गया था। लेकिन 500 और 1000 के नोटों की नोटबंदी की कहानी ही अलग है। इन दो करेंसी ने भारतीय अर्थव्यवस्था के 86% भाग को काबिज किया था यही नोट बाजार में सबसे अधिक चलते थे। इसी वजह से इसका इतना बड़ा बवाल और परिणाम हुआ।
PLS MARK AS BRAINLIST
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notebandi issliye ki gyi kyunki humare desh mein kahi logon ke pass kala Dan tha jisse vo joh apna fayda krte the...note bandi ki vajah se vo Sara kala Dan barbaad ho gya aur desh ka ek naya roop dikhayi diya kux pareshaniya hui pehle PR ab sbme khushali h aur kala Dan ka parda fash ho gya