हमारी संस्कृति एकता निबंध में लेखक ने के व्यक्ति विचारों का समीक्षा कीजिए
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Explanation:
hamare sanskrit ekta nibandh me lekhak ke vyakti bicharo ka samosa kijey
Answer:
हमारी सांस्कृतिक एकता निबंध का मूल भाव यह है की हमें अनेक विविधता में भी एकता को बनाये रखना चाइये। सभी धर्म पंथ के लोगों को आपस में जोड़कर रखना चाइये, इसके लिए सबको एक दूसरे के विभिन्न विचारों और विचारधाराओं का सम्मान करना चाइये। इस बात से तो आप भी अवगत होंगे की लोगों को विघटित करना काफी आसान होता है, लेकिन इन सब मतभेदों के बाद भी एकता होनी चाइये। और अगर हम ऐसा करने में सफल रहते है तो हमें कोई भी हमारी सांस्कृतिक की एकता को खंडित नहीं कर पायेगा। खासकर हमें एकता और विवधता का पालन स्कूलों, कॉलेजों, कार्यस्थलों, सार्वजनिक स्थानों में अवश्य ही करना चाइये।
Explanation:
संस्कृति के चार अध्याय" रचना रामधारी सिंह दिनकर ने लिखी हैं
भौगोलिक दृष्टि से भारत एक संगठित इकाई के समान है । भारत के आकार और क्षेत्रफल को देखते हुए यह कहा जाता है कि यह एक देश की अपेक्षा एक द्वीप लगता है ।
यह यूरोप जितना विस्तृत है और इसका क्षेत्रफल ग्रेट ब्रिटेन से बीस गुणा अधिक है । अपनी विविध भौतिक विशेषताओं और सामाजिक परिस्थितियों के कारण भारत एक छोटे विश्व के समान है । सामान्य तौर पर अवलोकन करने वाले विचारक भारतीय सांस्कृतिक विविधता को संदेह की दृष्टि से देखते हैं ।
वे अनेकता में एकता की विशेषता को समझने में असमर्थ हैं । उनके मत में भारत छोटे-छोटे वर्गो में क्या हुआ देश है । भारत वर्गो, जातियों, सम्प्रदायों में विभाजित होने के बावजूद एक सांस्कृतिक सूत्र में बँधा हुआ है जिसे समझने के लिए व्यापक दृष्टिकोण की आवश्यकता है ।
संकीर्ण विचारधारा वाले लोग भारतीयों की मूल एकता को देख नहीं पाते हैं । यह भिन्नता भारत की कमजोरी नही उसकी शक्ति और मुख्य निधि है । प्रो. हरबर्ट रिसले के अनुसार भारत का भौतिक और सामाजिक रूप, भाषा, रीति रिवाज, धर्म की भिन्नता होने पर भी कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक एकता के सूत्र में बंधा है ।
यह एकता है सांस्कृतिक एकता, जिसने भारत की विविधता को अपने में समोकर अभिन्न रूप प्रदान किया है । पाश्चात्य विचारक वी. ए. स्मिथ ने भारत में काफी समय व्यतीत किया, उनके अनुसार भारत की संस्कृति की अपनी विशिष्टताएं है, जो उसे विश्व के अन्य देशों से पृथक करती है, लेकिन इस विविधता का प्रभाव भारत की सांस्कृतिक एकता पर नहीं पड़ता है
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