Hindi, asked by umashankarmerugu, 5 days ago

हमारी संस्कृति वन - प्रधान है | ऋग्वेद जो हमारी सनातन शकित का मूल है, वन - देवियों की अर्चना करता है । मर्नुस्मृति में वृक्ष विच्छेदक को बडा पापी में माना गया है। जो आदमी वृक्षों को नष्ट करता है, उसे दण्ड दिया गया । तालाबों सडकों या सीमा के पास के वृक्षों को काटना, गुरूतर अपराध था। उसकेलिए दण्ड भी बडा रहता था उसमें कहा गया है कि जो वृक्षारोपण करता है। वह तीस हजार पितरों का उधदार करता है l
1 . उपर्युक्त गद्यांश का 'शीर्षक दिजिए ?
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Answered by kushagragautam6
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