हमारे समाज में आज हिंदी भाषा की क्या स्थिति है? अपने विचार बताइए।
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भाषा भावों और विचारो की संवाहक होती है। भाषा का स्वरूप निरंतर बदलता रहता है और यह सभी भाषाओं के बारे में कहा जा सकता है। हम सभी इस तथ्य से अवगत हैं कि वर्तमान हिंदी का उद्भव संस्कृत भाषा से हुआ है और काल के अनुसार यह पालि, प्राकृत और अपभ्रंश का चोला बदलती हुयी वर्तमान स्वरूप को प्राप्त हुयी।
हिंदी एक आधुनिक भारत-आर्य भाषा है तथा यह भारतीय-यूरोपीय भाषाओं के परिवार से संबंधित भाषा है , और संस्कृत की वंशज है, जो भारत के उत्तर-पश्चिमी सीमाओं में आर्यन बसने वालों की बोली से उद्भूत है । समय की अवधि के साथ विकास के विभिन्न चरणों से गुजरती हुई शास्त्रीय संस्कृत से पाली-प्राकृत और अपभ्रंश तक, हिंदी का उद्भव 10 वीं शताब्दी में पाया जाता है। हिंदी को हिंदवी, हिंदुस्तान और खड़ी -बोली के रूप में भी जाना जाता था । देवनागरी लिपि में लिखी गई हिंदी (जो विश्व की वर्तमान लेखन प्रणाली के बीच सबसे वैज्ञानिक लेखन प्रणाली है) भारत गणराज्य की राष्ट्रीय आधिकारिक भाषा है और इसे दुनिया के सबसे व्यापक रूप से बोली जाने वाली भाषा के रूप में स्थान दिया गया है। इसके अलावा, हिंदी बिहार, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और राजस्थान राज्य की राज्य भाषा भी है। दुनिया भर में लगभग छह सौ मिलियन लोग हिंदी को पहली या दूसरी भाषा के रूप में बोलते हैं। हिंदी का साहित्यिक इतिहास बारहवीं शताब्दी में पाया जाता है।
भारतीय -आर्यन भाषाओं के विकास के तीन अलग-अलग चरणों को विद्वानों द्वारा सुझाया गया है। वे हैं: (ए)
हिंदी
प्राचीन (2400 ईसा पूर्व - 500 ईसा पूर्व), (बी) मध्ययुगीन (500 ईसा पूर्व - 1100 ईस्वी) और (सी) आधुनिक (1100 -)। प्राचीन काल वैदिक और शास्त्रीय संस्कृत की अवधि है जिसके परिणामस्वरूप मध्यकालीन काल के दौरान पाली, प्राकृत और अपभ्रंश भाषाओँ का विकास हुआ। दक्षिण एशिया की अधिकांश आधुनिक भारत-आर्य भाषाएं, जैसे हिंदी, बांग्ला, उडिया, गुजराती, नेपाली, मराठी, पंजाबी, आधुनिक 'काल' में विकसित हुईं।
आज हम जो हिंदी बोलते हैं वह ब्रज भाषा एवं अवधी भाषा से परिवर्तित होकर इस स्वरुप में आई है। ब्रज भाषा का विस्तार अवधी भाषा से तुलनात्मक रूप से व्यापक है।बाद में ये भाषाएं अन्य पड़ोसी भाषाओं से प्रभावित हुईं । चूंकि, मुगलों, तैमूर और अलेक्जेंडर ने भारत पर हमले से भारत में नई संस्कृतियों का आविर्भाव हुआ एवं, ब्रज भाषा पर उर्दू, अरब और फारसी भाषा का प्रभाव स्पष्ट रूप से दिखाई देने लगा ।
अवधी, भाषा पर संस्कृत का बेहतर प्रभाव पड़ा, विश्वविद्यालयों और साहित्यिक समृद्ध क्षेत्रों के पास, जैसे, इलाहाबाद, वाराणसी, नालंदा, पाटिलपुत्र, गया आदि क्षेत्रों में प्रचलन के कारण अवधी भाषा (18 वीं शताब्दी तक) संस्कृत मूल को बनाए रखने में सक्षम रही।18 वीं शताब्दी की शुरुआत तक, नवाब युग की स्थापना हुई थी। इसके बाद, उर्दू और फारसी भाषाओं ने अवधी को प्रभावित किया।
दुनिया का कोई भी देश भारत की भाषाई विविधता की बराबरी नहीं कर सकता भारत में 'मातृभाषा' की संख्या,1652 है ,( जैसा कि 1961 की जनगणना में सूचीबद्ध है) भारत का संविधान किसी भी भाषा को राष्ट्रीय भाषा का दर्जा नहीं देता है। हालाँकि भारत गणराज्य की केंद्र सरकार की आधिकारिक भाषा हिंदी है। भारतीय संविधान संविधान के अनुच्छेद 343, राजभाषा अधिनियम 1963 (यथा संशोधित 1967) के अनुसार आठवीं अनुसूची में 22 भाषाओं की सूची है, जिन्हें अनुसूचित भाषाओं के रूप में संदर्भित किया गया है।इन भाषों को मान्यता, स्थिति और आधिकारिक प्रोत्साहन दिया गया है।
इसके अलावा, भारत सरकार ने 1500-2000 वर्षों के अपने लंबे इतिहास के कारण तमिल, संस्कृत, कन्नड़, तेलुगू, मलयालम और ओडिया को शास्त्रीय भाषा का गौरव दिया है। सभी भारतीय भाषाएं इन 4 समूहों में से एक में आती हैं: भारत-आर्य, द्रविड़ियन, चीन-तिब्बती और अफ्रीका-एशियाटिक। अंडमान द्वीपों की विलुप्त और लुप्तप्राय भाषाओं में पांचवां परिवार है। हिंदी दुनिया की दूसरी सबसे बोली जाने वाली भाषा है (अंग्रेजी और स्पेनिश के बाद )डॉ. जयन्ती प्रसाद नौटियाल ने भाषा शोध अध्ययन २००५ के हवाले से लिखा है कि, विश्व में हिंदी जानने वालों की संख्या एक अरब दो करोड पच्चीस लाख दस हजार तीन सौ बावन (१, ०२, २५, १०,३५२) है जबकि चीनी बोलने वालों की संख्या केवल नब्बे करोड चार लाख छह हजार छह सौ चौदह (९०, ०४,०६,६१४) है। दुनिया की अन्य प्रमुख भाषाओं की तरह, हिंदी की देश भर में कई अलग-अलग बोली और भाषाएं हैं।ब्रज भाषा)(खड़ी बोली)हरियाणवी ,बुंदेली ,अवधी ( बाघेली) (क़न्नौजी)(छत्तीसगढ़ी) प्रमुख हैं।
सोशल मीडिया पर हिंदी भाषा के बढ़ते इस्तेमाल पर भारत में बहुत विवाद हैं । ये कटु सत्य है कि भाषा ,भारत में एक विवादास्पद मुद्दा है,1963 में भारतीय संविधान के अनुच्छेद 343 में "देवनागरी लिपि में हिंदी" को भारत की आधिकारिक भाषा घोषित किया गया था। देवनागरी लिपि संभवतः विश्व की सर्वाधिक वैज्ञानिक लिपि हैI यह जैसी लिखी जाती है वैसी ही पढी जाती हैI इसमें अंग्रेजी के GO और TO तथा PUT और BUT जैसा उच्चारण वैषम्य नहीं हैI इसी प्रकार CALM और BALM जैसे शब्दों में L के साइलेंट होने जैसी कोई व्यवस्था नहीं हैI हिंदी में कैपिटल और स्माल लैटर का भी झंझट नहीं हैI उच्चारण और एक्सेंट की समस्या नहीं हैI
वैश्विक स्तर पर वही भाषा टिक पाएगी जिसका शब्द-भंडार या शब्द-कोश बड़ा होI