हमारे समाज में गरीब होना एक अपराध है। इस विषय पर 80 - 100 शब्द का अनुछेद लिखें।
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हमारे समाज में गरीब होना एक अपराध है》》
गरीबी भूख है और उस अवस्था में जुड़ी हुई है निरन्तरता। यानी सतत् भूख की स्थिति का बने रहना। गरीबी है एक उचित रहवास का अभाव, गरीबी है बीमार होने पर स्वास्थ्य सुविधा का लाभ ले पाने में असक्षमहोना, विद्यालय न जा पाना और पढ़ न पाना। गरीबी है आजीविका के साधनों का अभाव और दिन में दोनों समय भोजन न मिल पाना। छोटे-बच्चों की कुपोषण के कारण होने वाली मौतें गरीबी का वीभत्स प्रमाण है और सामाजिक परिप्रेक्ष्य में शक्तिहीनता, राजनैतिक व्यवस्था में प्रतिनिधित्व न होना और अवसरों का अभाव गरीबी की परिभाषा का आधार तैयार करते हैं। मूलत: सामाजिक और राजनैतिक असमानता, आर्थिक असमता का कारण बनती है। जब तक किसी व्यक्ति, परिवार, समूह या समुदाय को व्यवस्था में हिस्सेदारी नहीं मिलती है तब तक वह शनै:-शनै: विपन्नता की दिशा में अग्रसर होता जाता है। यही वह प्रक्रिया है जिसमें वह शोषण का शिकार होता है, क्षमता का विकास न होने के कारण विकल्पों के चुनाव की व्यवस्था से बाहर हो जाता है, उसके आजीविका के साधन कम होते हैं तो वह सामाजिक और राजनैतिक व्यवस्था में निष्क्रिय हो जाता है और निर्धनता की स्थिति में पहुंच जाता है।
शहरी और कस्बाई क्षेत्रों में बड़ी संख्या में महिलायें और बच्चे कचरा बीनने और कबाड़े का काम करते हैं। यह काम भी न केवल अपने आप में जोखिम भरा और अपमानजनक है बल्कि इस क्षेत्र में कार्य करने वालों का आर्थिक और शारीरिक शोषण भी बहुत होता है। विकलांग और शारीरिक रूप से अक्षम व्यक्तियों के समक्ष सदैव दोहरा संकट रहा है। जहां एक ओर वे स्वयं आय अर्जन कर पाने में सक्षम नहीं होते हैं वहीं दूसरी ओर परिवार और समाज में उन्हें उपेक्षित रखा जाता है। कई लोग गरीबी के उस चरम स्तर पर जीवनयापन कर रहे हैं जहां उन्हें खाने में धान का भूसा, रेशम अथवा कपास के फल से बनी रोटी, पेंज, तेन्दुफल, जंगली कंद, पतला दलिया और जंगली वनस्पतियों का उपयोग करना पड़ रहा है।
"जिन आधारों पर व्यक्ति को गरीब माना जाता है यदि उन्हीं पर नजर डालें तो स्थिति दुखदायी है।"
Explanation:
गरीबी किसी भी व्यक्ति या इंसान के लिये अत्यधिक निर्धन होने की स्थिति है। ये एक ऐसी स्थिति है जब एक व्यक्ति को अपने जीवन में छत, जरुरी भोजन, कपड़े, दवाईयाँ आदि जैसी जीवन को जारी रखने के लिये महत्वपूर्ण चीजों की भी कमी लगने लगती है। निर्धनता के कारण हैं अत्यधिक जनसंख्या, जानलेवा और संक्रामक बीमारियाँ, प्राकृतिक आपदा, कम कृषि पैदावर, बेरोज़गारी, जातिवाद, अशिक्षा, लैंगिक असमानता, पर्यावरणीय समस्याएँ, देश में अर्थव्यवस्था की बदलती प्रवृति, अस्पृश्यता, लोगों का अपने अधिकारों तक कम या सीमित पहुँच, राजनीतिक हिंसा, प्रायोजित अपराध, भ्रष्टाचार, प्रोत्साहन की कमी, अकर्मण्यता, प्राचीन सामाजिक मान्यताएँ आदि जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
गरीबी पर बड़े तथा छोटे निबंध (Long and Short Essay on Poverty in Hindi)
निबंध 1 (350 शब्द)
प्रस्तावना
गरीबी संसार के सबसे विकट समस्याओं में से एक है, आज के समय में गरीबी को दूर करने के लिए विश्व भर में कई प्रयास किये जा रहे है फिर यह भयावह समस्या खत्म होने का नाम नही ले रही है। गरीबी की यह समस्या हमारे जीवन को आर्थिक तथा सामाजिक दोनो ही रुप से प्रभावित करती है।
गरीबी - जीवन की एक भयावह समस्या
गरीबी एक दास की उस स्थिति की तरह ही होती है, जो अपनी इच्छानुसार कुछ भी करने में अक्षम होता है। इसके कई चेहरे हैं जो व्यक्ति, स्थान और समय के अनुसार बदलते रहते है। इसे बहुत तरीकों से परिभाषित किया जा सकता है जोकि एक व्यक्ति अपने जीवन में जीता और महसूस करता है। निर्धनता एक परिस्थिति है जिसका कोई भी अनुभव नहीं करना चाहेगा हालांकि प्रथा, स्वाभाव, प्राकृतिक आपदा या उचित शिक्षा की कमी की वजह से इसे ढोना पड़ता है। वैसे तो मजबूरी में इंसान इसे जीता है, लेकिन आमतौर पर इससे बचना चाहता है। भोजन के लिये पर्याप्त धन अर्जित करने के लिये, शिक्षा तक पहुँच के लिये, पर्याप्त रहने का स्थान पाने के लिये, जरुरी वस्त्रों के लिये तथा गरीब लोगों के लिये सामाजिक और राजनीतिक हिंसा से सुरक्षा के लिये निर्धनता एक अभिशाप के तरह है।
गरीबी
ये एक अदृश्य समस्या है, जो एक व्यक्ति और उसके सामाजिक जीवन को बुरी तरह प्रभावित करता है। वास्तव में गरीबी एक बहुत ही भयावह समस्या है, हालांकि ऐसे बहुत सारे कारण है जो इसे बीते काफी समय से ढोने के साथ जारी रखे हुए हैं। इसकी वजह से किसी व्यक्ति में स्वतंत्रता, मानसिक और शारीरिक रुप से ठीक न रहना और सुरक्षा की कमी बनी रहती है। ये बहुत जरुरी है कि एक सामान्य जीवन जीने के लिये, उचित शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य, पूर्ण शिक्षा, हरेक के लिये घर, और दूसरी जरुरी चीजों को लाने के लिये देश और पूरे विश्व को साथ मिलकर कार्य करना होगा।
निष्कर्ष
गरीबी एक ऐसी समस्या है, जो हमारे पूरे जीवन को प्रभावित करने का कार्य करती है। गरीबी एक ऐसी बीमारी है जो इंसान को हर तरीके से परेशान करती है। इसके कारण एक व्यक्ति का अच्छा जीवन, शारिरीक स्वास्थ्य, शिक्षा स्तर आदि जैसी सारी चीजें खराब हो जाती है। यही कारण है कि आज के समय में गरीबी को एक भयावह समस्या माना जाता है।
निबंध 2 (400 शब्द)
प्रस्तावना
आज के समय में गरीबी को दुनियां के सबसे बडी समस्याओं में से एक माना जाता है। गरीबी एक ऐसी मानवीय स्थिति है, जो हमारे जीवन में दुख-दर्द तथा निराशा जैसी विभिन्न समस्याओँ को जन्म देती है। गरीबी में जीवन जीने वाले व्यक्तियों को ना तो अच्छी शिक्षा की प्राप्ति होती है ना ही उन्हें अच्छी सेहत मिलती है।
गरीबी एक त्रासदी
गरीबी एक ऐसी मानवीय परिस्थिति है जो हमारे जीवन में निराशा, दुख और दर्द लाती है। गरीबी पैसे की कमी है और जीवन को उचित तरीके से जीने के लिये सभी चीजों के कमी को प्रदर्शित करता है। गरीबी एक बच्चे को बचपन में स्कूल में दाखिला लेने में अक्षम बनाती है और वो एक दुखी परिवार में अपना बचपन बिताने या जीने को मजबूर होते हैं। निर्धनता और पैसों की कमी की वजह से लोग दो वक्त की रोटी, बच्चों के लिये किताबें नहीं जुटा पाने और बच्चों का सही तरीके से पालन-पोषण नहीं कर पाने के जैसी समस्याओं से ग्रस्त हो जाते है।
हमलोग गरीबी को बहुत तरीके से परिभाषित कर सकते हैं। भारत में गरीबी देखना बहुत आम-सा हो गया है क्योंकि ज्यादातर लोग अपने जीवन की मूलभूत आवश्यकताओं को भी नहीं पूरा कर सकते हैं। यहाँ पर जनसंख्या का एक विशाल भाग निरक्षर, भूखे और बिना कपड़ों और घर के जीने को मजबूर हैं। भारतीय अर्थव्यवस्था के कमजोर होने का यही मुख्य कारण है। निर्धनता के कारण लगभग भारत में आधी आबादी दर्द भरा जीवन जी रही है।
गरीबी एक स्थिति उत्पन्न करती है जिसमें लोग पर्याप्त आय प्राप्त करने में असफल हो जाते हैं इसलिये वो जरुरी चीजों को नहीं खरीद पाते हैं। एक निर्धन व्यक्ति अपने जीवन में मूल वस्तुओं के अधिकार के बिना जीता है जैसे दो वक्त का भोजन, स्व्च्छ जल, घर, कपड़े, उचित शिक्षा आदि। ये लोग जीने के न्यूनतम स्तर को भी बनाए रखने में विफल हो जाते हैं जैसे अस्तित्व के लिये जरुरी उपभोग और पोषण आदि।
भारत में निर्धनता के कई कारण हैं हालांकि राष्ट्रीय आय का गलत वितरण भी एक कारण है। कम आय वर्ग समूह के लोग उच्च आय वर्ग समूह के लोगों से बहुत ज्यादा गरीब होते हैं। गरीब परिवार के बच्चों को उचित शिक्षा, पोषण और खुशनुमा बचपन का माहौल कभी नसीब नहीं हो पाता है। निर्धनता का मुख्य कारण, अशिक्षा, भ्रष्टाचार, बढ़ती जनसंख्या, कमजोर कृषि, अमीरी और गरीबी के बीच बढ़ती खाई आदि है।
निष्कर्ष
गरीबी मानव जीवन की वह समस्या है, जिसके कारण इससे ग्रसित व्यक्ति को अपने जीवन में मूलभूत सुविधाएं भी नही मिल पाती है। यही कारण है कि वर्तमान समय में गरीबी से निवारण के कई उपाय ढ़ूढे जा रहे है, ताकि विश्व भर के लोगों के जीवन स्तर को सुधारा जा