Hindi, asked by Tharupavi, 11 months ago

हमारे त्योहार विषय पर एक अनुच्छेद लिए

Answers

Answered by 1Angel24
44
Hey, mate here is your answer✌✌》》

आज का युग विज्ञान का युग है । बीसवीं शताब्दी में मनुष्य का चाँद पर पदार्पण मानव-जाति के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है । जीवन के लगभग सभी क्षेत्रों में नित नए अनुसंधान एवं प्रयोगों के माध्यम से मनुष्य बहुआयामी विकास की ओर अग्रसर हुआ है ।

इसके बावजूद मनुष्य का सर्वांगीण विकास तब तक संभव नहीं है जब तक कि बौद्‌धिक विकास के साथ-साथ उसमें भावनात्मक विकास न हो । हमारे देश के त्योहार, हमारे पर्व, मनुष्य के भावनात्मक विकास में सदैव सहभागी रहे हैं ।

ये त्योहार करुणा, दया, सरलता, आतिथ्य सत्कार, पास्परिक प्रेम एवं सद्‌भावना तथा परोपकार जैसे नैतिक गुणों का मनुष्य में विकास करते हैं । इन्हीं नैतिक मूल्यों की अवधारणा से मनुष्य को चारित्रिक अथवा भावनात्मक बल प्रदान होता है ।

नैतिक मूल्यों के साथ-साथ त्योहारों को मनाने से जो खुशियाँ मिलती हैं, आज के तनावग्रस्त माहौल में उसका महत्व भी कम नहीं है । भारत को यदि त्योहारों का देश कहें तो अतिशयोक्ति नहीं होगी । इस देश में विभिन्न धर्मों एवं संप्रदायों के लोग निवास करते हैं तथा किसी न किसी धर्म या संप्रदाय से संबद्‌ध त्योहारों का क्रम यहाँ चलता ही रहता है ।

कभी हिंदुओं की दीवाली होती है तो कभी सिक्खों की वैशाखी । मुसलमान कभी ईद की खुशियाँ मनाते हैं तो कभी ईसाई क्रिसमस के अवसर पर चर्च में प्रार्थना करते दिखाई देते हैं । ये त्योहार मनुष्य की नीरस दिनचर्या में सुख का अरुण प्रभात लेकर आते हैं ।

भारत के त्योहार देश की संस्कृति की महानता को उजागर करते हैं । ये उत्सव हमारा गौरव हैं । विभिन्न जातियों, भाषाओं, प्रांतों व भिन्न-भिन्न संप्रदायों के विभिन्न रंगों को एकाकार करने में हमारे त्योहार सदैव ही प्रमुख भूमिका निभते हैं । विभिन्नताओं के इस देश में होने वाले त्योहारों का स्वरूप भी भिन्न है । कुछ त्योहारों का स्वरूप इतना व्यापक है कि इसमें देश के अधिकांश लोग भाग लेते हैं वहीं कुछ त्योहार क्षेत्रीय होते हैं जो किसी क्षेत्र विशेष तक ही सीमित होते हैं, जैसे – बिहार का छठ, पंजाब की बैशाखी या तमिलनाडु का पोंगल ।

भारतीय त्योहार प्राय: ऋतु चक्र के अनुसार आयोजित किए जाते हैं । सभी त्योहार जनमानस के लिए खुशियाँ, उल्लास व उत्साह प्रदान करते हैं तथा ये त्योहार स्वयं में एक विशेष संदेश भी समाहित किए होते हैं । जैसे रक्षाबंधन का त्योहार भाई-बहन के प्रेम की प्रगाढ़ता को दर्शाता है और आजीवन बहन की रक्षा के लिए भाई वचन लेता है ।

हर्षोंल्लास से परिपूरित ‘विजयादशमी’ का त्योहार हमारी गौरवशाली पौराणिक गाथा को दोहराता है जिसमें भगवान राम ने राक्षसराज रावण का वध कर धरती पर से पाप का नाश करने की चेष्टा की थी । यह त्योहार बुराई पर अच्छाई की, असत्य पर सत्य की विजय का प्रतीक है । इसी प्रकार हर तरफ जगमगाते दीयों से रौशन त्योहार ‘दीपावली’ हर एक के दिलों में उत्साह और खुशी लाता है जिसमें दुश्मन भी अपने पुराने झगड़े भूलकर नया मैत्रीपूर्ण जीवन प्रारंभ करते हैं ।

इसके अतिरिक्त राष्ट्रीय स्तर पर अल्पसंख्यक वर्ग के भी अनेक त्योहार हैं जैसे मुस्लिम भाइयों की ईद, मुहर्रम तथा सिक्खों का बैशाखी; इसी प्रकार ईसाइयों का प्रसिद्‌ध क्रिसमस का त्योहार । ये सभी त्योहार लोगों में खुशियाँ, उत्साह व मन में नवीनता लाते हैं जो मनुष्य की नीरसता को तो दूर करते ही हैं साथ ही साथ लोगों को नैतिक मूल्यों की अवधारणा हेतु भी प्रेरित करते हैं ।

यदि हम अपने कुछ राष्ट्रीय त्योहारों की चर्चा करें तो ये भी धार्मिक त्योहारों से कम महत्व के नहीं हैं । स्वतंत्रता दिवस, गणतंत्र दिवस, बाल दिवस, गाँधी जयंती, शिक्षक दिवस आदि राष्ट्रीय त्योहार देश और समाज के प्रति हमारे कर्तव्यों का स्मरण कराते हैं ।

इन त्योहारों के आगमन पर हमें अपने देश के इतिहास, उसकी परंपराओं तथा वर्तमान में हम किस ओर जा रहे हैं, इसका निरीक्षण करने का एक अवसर प्राप्त होता है । विभिन्न अवसरों पर हम अपने महापुरुषों का स्मरण करते हैं तथा उनके आदर्शों का पालन करने की चेष्टा करते हैं ।

इन धार्मिक व सामाजिक त्योहारों के अतिरिक्त स्वतंत्रता दिवस, गणतंत्र दिवस एवं गाँधी जयंती हमारे राष्ट्रीय पर्व हैं जिन्हें हम हर वर्ष पूरे धूमधाम से मनाते हैं । ये राष्ट्रीय पर्व हमें उन अमर शहीदों की याद दिलाते हैं जिन्होंने देश की आजादी के लिए हँसते-हँसते अपने प्राण न्यौछावर कर दिए । इन त्योहारों पर हर भारतवासी यह संकल्प लेता है कि वह देश की एकता, गौरव व इसकी अखंडता बनाए रखने हेतु सदैव तत्पर रहेगा ।

हमारे भारतीय त्योहारों का स्वरूप भिन्न है । इन्हें मनाने की विधियाँ अलग हैं परतु इन सभी त्योहारों का मूल एक है । यही हमारी भारतीय संस्कृति का भी मूल है जो समस्त भारतवासियों को एक सूत्र में पिरोए रखता है । सभी त्योहार लोगों को उत्साह, खुशी व भाई-चारे का संदेश देते हैं । वर्तमान में हमारे क्षेत्रीय त्योहार भी जब राष्ट्रीय स्तर पर मनाए जाने लगे हैं तो इन त्योहारों का महत्व और भी बढ़ जाता है ।

देश के त्योहार सामाजिक, धार्मिक, सांस्कृतिक एवं आध्यात्मिक हर दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं । इन त्योहारों की शुद्‌धता, पवित्रता व मूल भावना को बनाए रखने का दायित्व हम सभी पर है । ये त्योहार हमारी भारतीय संस्कृति का गौरव हैं और हमारी पहचान भी । इनके महत्व के कम होने का सीधा तात्पर्य है हमारी स्वयं की पहचान का खोना जिसे एक जिम्मेदार नागरिक कभी स्वीकार नहीं कर सकता है ।

Hope this answer will help you..《《

#Be Brainly#
@1Angel24
Answered by Anonymous
3

Answer:

हमारे देश भारत में विभिन्न धर्मों, सामाजिक मान्यताओं से जुड़े उत्सव बड़ी ही धूमधाम से मनाए जाते हैं। होली हिन्दुओं का अति प्रिय त्योहार हैं जब सब रंगों के मस्ती भरे वातावरण में लोग झूम उठते है और एक दूसरे को गले लगा पुराने बैर भुला देते हैं। दशहरा से पहले हर मोहल्ले के लोग नुक्कड़ राम लीला का आयोजन करते हैं। दशहरा के दिन श्री राम की रावण पर विजय की उदघोषणा कर रावण का पुतला जला कर बुराई पर अच्छाई की जीत का जश्न मनाया जाता है। इसके बीस दिन बाद आता है दीपावली का त्यौहार। कई दिन तक घरों की सफाई का कार्यक्रम चलता रहता है। फिर घरों, दुकानों, बाजारों को रंग बिरंगी बत्तियों से सजाया जाता है और रात को आतिशबाजी करते हुए एक दूसरे का मुँह मीठा करवाया जाता है। ईद और मोहर्रम मुसलमानों के धार्मिक उत्सव है। ईद में रोज़े रखे जाते हैं जब मुसलमान दिन भर भूख प्यास को सह कर सिर्फ अल्लाह की इबादत में तल्लीन हो जाते हैं। ईसाई लोग ईसा मसीह के जन्मदिन की याद में क्रिसमस मनाते। गिरजाघरों और बाजारों में रौशनी कर यह एक महत्वपूर्ण उत्सव है। कुछ उत्सव ऐसे हैं जिन्हे हर हिंदुस्तानी मनाता है। जैसे स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस। एक उत्सव प्राचीन लाल किले से प्रधानमंत्री के भाषण से शुरू होता है तो दूसरा इंडिया गेट पर जहाँ देश के राष्ट्रपति सेना, अन्य सुरक्षा दलों तथा स्कूली बच्चों की परेड की सलामी लेते हैं। यह है हमारे देश के मुख्य त्यौहार।

Similar questions