Science, asked by negi79933, 11 months ago

हमारे दैनिक जीवन में पर्यावरण का महत्त्व उदाहरण सहित 120 सब्दो में​

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Answered by Ravispssbp
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Explanation:

'पर्यावरण का हमारे जीवन में बहुत महत्व है। मनुष्य एक पल भी इसके बगैर नहीं रह सकता। ये हरे-भरे पेड़-पौधे हमारे जीवन का अभिन्न अंग हैं।प्रकृति के बिना मानव जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती है। जल ,थल, वायु, अग्नि, आकाश इन्हीं पांच तत्वो से ही मनुष्य का जीवन है,और जीवन समाप्त होने पर वह इन्हीं में विलीन हो जाता है। प्राचीन काल में मनुष्य अपने चारों ओर की सुंदर प्रकृति को सहेज कर रखता था ,मनुष्य का जीवन बहुत सीधा-साधा और सरल था। वह अपनी पूरी मेेेहनत और लगन से काम करता था और साथ ही अपने आस-पास के पेड़- पौधों की भी पूरी लगन से देखभाल करता था, उसके चारों ओर एक सुन्दर और स्वस्थ वातावरण रहता था। धीरे-धीरे उसके जीवन में परिवर्तन आया और अपने कठिन परिश्रम से मनुष्य ने अपने जीवन में बहुत प्रगति की और उसका रहन-सहन और बेहतर होने लगा। धीरे-धीरे समय बदला और मनुष्य ने अपने जीवन में नये -नये आविष्कारों से न जाने कितनी उपलब्धियां हासिल कर ली।बड़ी-बड़ी गगनचुम्बी इमारतें खड़ी कर दी। बड़ी-बड़ी फैक्टरी, मिल आदि बन गयीं और इन सब उपलब्धियों के साथ जाने अनजाने वह प्रकृति के साथ छेड़छाड़ भी करते गया ,और हमारी प्रकृति को नुकसान पहुंचा,जिसका उसे अहसास तक नहीं है। आज हम देखते हैं कि पहले जिस प्रकार वन उपवन आदि होते थे,चारों ओर एक प्राकृतिक सौन्दर्य दिखाई देता था,आज लोग उसी प्रकृति को नष्ट करते जा रहे हैं। हर जगह जहाँ पर भी घने वृक्ष आदि हैं उन्हें काट -काट कर वहां पर बड़ी-बड़ी इमारतें बनायी जा रही हैं। घने जंगलों को काट कर फैक्टरी, मिल आदि बन रही हैं। इसका हानिकारक प्रभाव मनुष्य के जीवन पर ही पड़ रहा है जिससे वो अनभिज्ञ है या फिर समझना नहीं चाहता। फैक्ट्री , आदि से जो धुआँ निकल रहा है और उसके खराब रसायनिक तत्व जो जलाशयों में डाल दिए जाते हैं उससे जल प्रदूषण फैलते जा रहा है और धुएँ से निकलने वाली विषैली गैस हवा को प्रदूषित कर वायु प्रदूषण फैला रही है। इसी प्रकार यातायात के साधनों से जो प्रदूषण फैल रहा है वो एक चिंता का विषय बन चुका है। लोगों के स्वास्थ्य पर इसका बहुत बुरा असर पड़ रहा है। लोग श्वास सम्बन्धी और अन्य बीमारी के शिकार हो रहे हैं। यह स्थिति अतयंत घातक है। आज कल ज्यादातर घरों में, आफिसों में,और कारों आदि में एयर कंडीशनर लगे हुये हैं और जिनका अधिक इस्तेमाल करने से बाहर का तापमान बहुत बढ़ते जा रहा है और समाचार पत्रों में पढते रहते हैं कि ग्लोबल वार्मिंग बढ़ रही है।मनुष्य को इस विषय पर गंभीर रूप से विचार करना होगा कि प्रकृति से खिलवाड़ नहीं करना है और प्राकृतिक संतुलन को बनाए रखना है। हमें यह जागरूकता लानी ही होगी कि अपने आस-पास जहाँ संभव हो वृक्षारोपण करें ,ज्यादा से ज्यादा वृक्ष लगाना चाहिए। हमें अपने बच्चों को भी जागरूक करना चाहिए। हम अपने बच्चों का जन्मदिन बहुत प्यार से मनाते हैं,पार्टी करते हैं उनके दोस्तों को बुलाते हैं,हमारे बच्चे खुश भी हो जाते हैं , कितनी बार माँ-बाप बहुत पैसा भी खर्च करते हैं। कभी-कभी हम कुछ अलग कर सकते हैं जैसे उनके जन्मदिन पर हम उनके हाथों से एक छोटा सा पौधा लगवा सकते हैंऔर अपनी प्रकृति की महत्वता को समझा सकते हैं। अपने हाथों से एक छोटा सा पौधा लगा कर बच्चे को बहुत खुशी तो होगी ही साथ ही वो उस पौधे की देखभाल भी बहुत प्यार से करेगा और धीरे-धीरे वह पेंड़-पौधों की हमारे जीवन में क्या महत्वता है वो भी समझेगा। पर्यावरण के लिए हम सभी को ही जागरूक होने की आवश्यकता है।पर्यावरण को बचाने के लिए हमको साफ-सफाई का भी बहुत ध्यान रखना चाहिए। जहाँ तक हो सके हमें अपने आस-पास सफाई रखनी चाहिए। कई लोग इस ओर ज़रा भी ध्यान नहीं देते,जहाँ मन आया कचरा फेंक देते हैं फिर चाहे वो सड़क हो या उनके घर के आस-पास की जगह। ये बिल्कुल गलत है। इस तरह गंदगी फैलने से अनेक बीमारियां फैलती हैं जो हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत हानिकारक है। प्लास्टिक की थैली आदि से जो गंदगी और प्रदूषण फैल रहा है वो एक चिंता का विषय बन चुका है क्योंकि इससे हमारे पर्यावरण को बहुत नुकसान पहुंच रहा है। इसलिए प्रत्येक नागरिक को सजग रहना बहुत जरूरी है। जिस तरह से हमारे देश के प्रधानमंत्री जी श्री नरेन्द्र मोदी जी दिन-रात देश के विकास के लिए काम कर रहे हैं और स्वच्छता अभियान के द्वारा उन्होंने देश में जो क्रांति लायी है वो बहुत सराहनीय हैं,और उनके इस स्वच्छता अभियान में हर एक नागरिक का फर्ज बनता है कि वो पूरी तरह से उनके इस कार्य में सहयोग दे और उनकी इस सोच के साथ जुड़े। तभी यह संभव है कि हम एक स्वच्छ और स्वस्थ वातावरण में रह पायेगें। डिस्क्लेमर:इस पोस्ट में व्यक्त की गई राय लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं। जरूरी नहीं कि वे विचार या राय के विचारों को प्रतिबिंबित करते हों .कोई भी चूक या त्रुटियां लेखक की हैं और मॉम्सप्रेस्सो की उसके लिए कोई दायित्व या जिम्मेदारी नहीं है ।

♦️♦️Dr Ravi...........♦️♦️

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