( हमारे दैनिक और सामाजिक जीवन में पशुओं का महत्व ) write a 400 word essay on this topic.
No one has guts to answer this
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नगर। पशु किसान की आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाने में उपयोगी सिद्ध होता है। पशुपालकों को पशुओं के महत्व को समझना चाहिए। ये बातें मंगलवार को कस्बे के राजकीय अ श्रेणी पशु चिकित्सालय में आत्मा योजना के तहत दो दिवसीय पशुपालक प्रशिक्षण शिविर के दौरान सहायक निदेशक क्षेत्रीय निदान प्रयोगशाला भरतपुर डॉ. अशोक अग्रवाल ने कहीं। उन्होंने गाय, भैंस की उन्नत नस्ल, कृत्रिम गर्भाधान व बधियाकरण की जानकारी दी। सहायक निदेशक बहुउद्देशीय पशु चिकित्सालय भरतपुर डा. देवेन्द्र कैन ने पशुपालकों को पशुओं में फैलने वाले मुंहपका, खुरपका, गला घोटू, थनैला व फड़किया आदि रोगों से अवगत कराया। साथ ही पशुओं में रोगों के लक्षण, बचाव, टीकाकरण व रख-रखाव की भी जानकारी दी। शिविर के दौरान पशु चिकित्सक डा. तेजसिंह रीठा ने प्रशिक्षण शिविर की दो दिवसीय कार्य योजना पर विस्तृत प्रकाश डाला। शिविर में 10 महिला व 16 पुरुष पशुपालकों ने भाग लिया। इस अवसर पर सहायक निदेशक भेड़ निष्क्रमण डा. मलखान मीणा, भोगी राम, सतीश चन्द, विनोद कुमार, डाल चन्द महावर आदि मौजूद थे।
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प्रस्तावना: जीव-जंतु मानव जाती के लिए सदैव से ही उपकारी है। और वो हमेशा ही मनुष्य को किसी न किसी प्रकार से सुख सुविधा प्रदान करता है। हमारी धरती पर लगभग जीव जंतु की 87 लाख प्रजातिया है। और तो और कुछ की पह्चान होना अभी भी बाकि है और कुछ लुप्त होती जा रही है। और जो है उनमे से पालतू जीव हमारे लिए बोहोत अधिक महत्व रखते है। पी.एल.ओ.एस.बायोलॉजी में ही छपे एक लेख में रॉयल सोसायटी के पूर्व अध्यक्ष लॉर्ड राबर्ट में लिखते है ,” मानवता का अपने प्रति प्यार तो देखिये की हम यह बता सकते है। की अमरीकी कांग्रेस की लाइब्रेरी में एक फरवरी 2011 के दिन ,22,194.656 किताबे है लेकिन ये निश्चित रूप से नहीं कह सकते की दुनिया में कितने प्रकार के जीव जंतु है। ”
इस प्रकार आप समझ सकते है। की धरती पर इन जीव – जंतु में सभी जीव – जन्तु अपने जीवन को अपनी प्रकार से जीवन व्यतीत करते है।
हमारा जीवन और जीव जंतु का जीवन एक प्रतिरक्षण चक्र हैं
पृथ्वी पोधो का पोषण करती है और पौधे, कीटो, पक्षियो तथा जंगली पशुओ को पोषित करते है। दूसरी और मृत पशु गिद्ध का भोजन बनते है। मृत गिद्ध पृथ्वी में समाकर कीटो का भोजन बनती है और जो मृत कीड़े मकोड़े होते है। वो पोधो का खाद ( भोजन )बन जाते है और वृक्ष अपनी आयु पूरी करके फिर से उसी पृथ्वी में समा जाते है। इस प्रकार मनुष्य इन सब वस्तुओ को अपने काम में लाता है और वो एक दिन स्वम इसमें लीन हो जाता है अन्तः इन्ही का शिकार बनता है अतः ए जीवन का एक एसा चक्र है जिसमे सभी अपनी – अपनी भूमिका अदा करते है और इसे ये स्पस्ट हो जाता है .की ये एक दूसरे केए प्रत्न है जीवन का ये प्रतिरक्षण चक्र हमारे जीवन के लिए आवशयक भी है क्युकी मनुष्य और जिव जंतु एक दूसरे पर बहुत अधिक निर्भर है और इस चक्र में अपना – अपना योगदान देते है और ये जीवन प्रतिरक्षरण चक्र चलता रहता है।
हमारे जीवन में बहुत अधिक मत्वपूर्ण योगदान देने वाले कुछ पालतू पशुओं के नाम इस प्रकार है।
घोड़े, खच्चर, ऊठ, भेड़, बैल, गाय, मधुमक्खी, मछली, मेमने, कुत्ते, बिल्ली, खरगोश, इस प्रकार इन पालतू पशुओ को हम पालकर हमारा जीवन यापन करते है। इस प्रकार इन पालतू पशुओ की गिनती करे तो शायद कमी पड़ जाए क्युकी अभी भी ऐसे पालतू पशु और भी है जिनका जिक्र हमने इसमें नहीं करा जो मनुष्य के जीवन में बहुत महतपूर्ण योगदान प्रदान करते है।
इनमे अब हम उन छोटे पशुओं का योगदान देखेंगे की वो मनुष्य के लिए किस प्रकार उपकार है।
जैसे मुर्गिया, मुर्गिया अण्डे देती है जिसका प्रयोग हमारे देश में इसे खाकर ही करते है और इस्से लाखो का व्यपार इसे बेच कर उपयोग करने वाले इसका उपयोग करते है l
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Aur guts ki baat Matt Kara Kar...