Hindi, asked by dixitvibha1975, 1 month ago

हमारे देश की संस्कृति कई पड़ोसी देशों से मिलती है।​

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Answered by mrgoodb62
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Answer:

नेपाल

भारत और नेपाल के बीच विशेष तथा विलक्षण संबंध हैं जिनकी जड़ें हमारी साझी विरासत, सभ्यता, संस्कृति तथा लोगों से लोगों के बीच विद्यमान संपर्कों में हैं। हम नेपाल के साथ अपने संबंधो को सर्वोच्च प्राथमिकता प्रदान करते हैं और हमारी सरकार इन सम्बन्धों को और संवर्धित तथा विस्तारित करने के लिए पूर्णतः प्रतिबद्ध है।

हमारा मानना है कि एक शांतिपूर्ण, लोकतान्त्रिक, स्थिर, मजबूत और समृद्ध नेपाल न सिर्फ भारत के हित में है अपितु इससे हमारे क्षेत्र की समृद्धि में भी योगदान मिलेगा। अब यह नेपाल के लोगों पर निर्भर करता है कि वे चयनित राजनैतिक प्रतिनिधियों के जरिये वांछित संविधान के स्वरूप पर सहमत हों। हमारा मानना है कि बहुदलीय लोकतन्त्र की स्थापना से भारत-नेपाल संबंध मजबूत होंगे।

भारत अभी भी नेपाल का एक बड़ा भागीदार है। नेपाल का लगभग % व्यापार भारत के साथ होता है और कुल विदेशी प्रत्यक्ष निवेश का लगभग % भारत से आता है। नेपाल जाने वाले पर्यटकों में से लगभग भारत के होते हैं और मिलियन से अधिक नेपाली भारत में नियोजित है।

हमारा विकास सहयोग, जिसमे भौतिक अवसंरचना, जल संसाधन, मानव संसाधन, स्वास्थ्य, विद्युत, नगर विमानन, पर्यटन तथा कृषि जैसे बड़े क्षेत्र शामिल हैं, अब नए दौर में पहुँच गया है। हम अगले तीन वर्षों में नेपाल के तराई क्षेत्र में किलोमीटर सड़कों का निर्माण करेंगे, दो समन्वित जांच चौकियों की स्थापना करेंगे और दो सीमापार रेलवे संपर्कों का भी निर्माण करेंगे। दूसरे चरण में हम किलो मीटर लंबी अतिरिक्त सड़कों, तीन सीमा पार रेलवे संपर्कों और समन्वित जांच चौकियों का निर्माण करेंगे। हमारा मानना है कि इनसे नेपाल के विकास प्रयासों में पर्याप्त योगदान मिलेगा तथा दोनों देशों के बीच व्यापार, निवेश और लोगों और लोगों के बीच संपर्क सुविधाजनक बनेंगे।

ये परियोजनाएं नेपाल की जरूरतों के अनुसार चलायी जाएंगी। हम पूरी संवेदनशीलता के साथ अपने कार्यकलापों एवं सहयोग को जारी रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

Answered by shiza7
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भारत की संस्कृति बहुआयामी है जिसमें भारत का महान इतिहास, विलक्षण भूगोल और सिन्धु घाटी की सभ्यता के दौरान बनी और आगे चलकर वैदिक युग में विकसित हुई, बौद्ध धर्म एवं स्वर्ण युग की शुरुआत और उसके अस्तगमन के साथ फली-फूली अपनी खुद की प्राचीन विरासत शामिल हैं। इसके साथ ही पड़ोसी देशों के रिवाज़, परम्पराओं और विचारों का भी इसमें समावेश है। पिछली पाँच सहस्राब्दियों से अधिक समय से भारत के रीति-रिवाज़, भाषाएँ, प्रथाएँ और परंपराएँ इसके एक-दूसरे से परस्पर संबंधों में महान विविधताओं का एक अद्वितीय उदाहरण देती हैं। भारत कई धार्मिक प्रणालियों, जैसे कि सनातन धर्म, जैन धर्म, बौद्ध धर्म और सिख धर्म, इस्लाम धर्म जैसे धर्मों का जनक है। इस मिश्रण से भारत में उत्पन्न हुए विभिन्न धर्म और परम्पराओं ने विश्व के अलग-अलग हिस्सों को भी बहुत प्रभावित किया है।

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