Hindi, asked by Anonymous, 1 year ago

"हमारे देश की तरक्की में अशिक्षा सबसे बड़ी बाधक है|"-इस कथन पर अपने विचार वयक्त करें |

इस पर तक़रीबन 350-400 शब्दो में लेख लेखें |

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Answers

Answered by Shaizakincsem
6

सरल शब्दों में, पढ़ने और लिखने और ज्ञान और जानकारी की कमी की क्षमता की कमी को निरक्षरता कहा जाता है। दुर्भाग्यवश, गरीब शिक्षा और निरक्षरता न केवल भारत बल्कि दुनिया के एक प्रमुख सामाजिक मुद्दे बन गई है। शिक्षा जीवन के जीवन स्तर और गुणवत्ता के मानकों को सुधारने और बढ़ाने में मदद करती है जो वास्तव में सामाजिक जीवन में सुधार है। जबकि, अशिक्षित न तो बेहतर जीवन जीने के लिए पर्याप्त अवसर प्राप्त करते हैं और न ही ज्ञान और शिक्षा की कमी के कारण गुणवत्ता जीवन की सुविधाओं का आनंद लेते हैं।

निरक्षरता भी सामाजिक व्यवहार, सामाजिक मूल्यों और मानदंडों को अपरिचित करने का कारण बन गया है। आपराधिक गतिविधियों और अतिवाद भी निरक्षरता का एक उत्पाद है। निरक्षरता भी बेरोजगारी और धीमी आर्थिक वृद्धि की ओर ले जाती है। वैश्विक स्तर पर, उच्च साक्षरता दर वाले देशों में स्थिर और उच्च आर्थिक विकास और जीडीपी है।

गरीबी, पारिवारिक पृष्ठभूमि, कम प्रति व्यक्ति आय, गरीब शैक्षणिक आधारभूत संरचना, शिक्षा के दोहरे मानक, योग्य शिक्षकों की कमी भारत में निरक्षरता के प्रमुख कारण हैं। सरकार। निरक्षरता के मुद्दे को हल करने और शिक्षा को प्राथमिकता देने के लिए कदम उठाने चाहिए। सरकार के साथ-साथ निजी क्षेत्र को शिक्षा में निवेश करना चाहिए क्योंकि यह कभी भी बर्बाद नहीं होता है, यह कई तरीकों से वापस भुगतान करता है। मुफ्त शिक्षा या कम से कम सस्ते शिक्षा के प्रावधान के लिए प्रयास किए जाने चाहिए।

शिक्षा के महत्व और आवश्यकता को उजागर करने के लिए जागरूकता अभियान शुरू किए जाने चाहिए। सरकार के अलावा, मैं हर शिक्षित व्यक्ति से अपील करता हूं कि कृपया इसे बच्चे को सिखाने के लिए खुद को तैयार करें।


Anonymous: thanks a lot for answering this question
Shaizakincsem: Np
Anonymous: don't mind may i ask you one question plzz
Anonymous: plzz
Shaizakincsem: Sure. Please ask in inbox
Anonymous: ok thanks
Answered by Mankuthemonkey01
7
"अशिक्षा अपराध की जननी"


एक समृद्ध एवं शक्तिशाली देश होने के लिए जरूरी है कि देश के नागरिक शिक्षित हो। शिक्षा व्यक्ति को कल्पनाशक्ति, सोचने समझने की शक्ति देती है। इन्ही की सहायता से कोई व्यक्ति अपने आप को और अपने देश को किसी क्षेत्र में आगे बढ़ाता है। "विद्या ददाति विनयम" अर्थात विद्या से विनम्रता आती है। शिक्षा से व्यक्ति के अंदर सद्गुण आते हैं।

देश मे मौजूद जो अंधविश्वास एवं कुप्रथाएं हैं, उनका एक मुख्य कारण है शिक्षा का अभाव। एक अशिक्षित व्यक्ति इन आडम्बरो को बढ़ावा देने में सहायता करता है। अशिक्षा केवल कुप्रथाओं के लिए ही नहीं, बल्कि अपराधों के लिए भी जिम्मेदार है।प्रायः देखा गया है कि अधिकतर अशिक्षित या कम पढ़े लिखे व्यक्ति ही चोरी, डकैती में भाग लेते है। कारण यह है कि अशिक्षित होने के कारण उन्हें रोज़गार नही मिल पाता इसलिए वे गलत राह पर चल पड़ते हैं। आज देश मे बेरोज़गारी की संख्या बढ़ती जा रही है जबकि आजकल के युवा तो शिक्षित हैं। नही, प्रायः छात्र नकल करके स्नातक करके डिग्रीयां ले लेते हैं, पर चूंकि वो नकल से उत्तीर्ण हुए होते हैं इसलिए उनके अंदर गुणों का अभाव रहता है। वे शिक्षित होकर भी अशिक्षित रह जाते हैं।

शिक्षा ग्रहण करने के परिणाम जितने मधुर होते हैं, अशिक्षा के परिणाम उतने ही कड़वे। अशिक्षित होने के कारण उन्हें रोज़गार नही मिलता जिससे वे भूखो मरने लगते हैं, या फिर वे कम पैसे वाले काम करके कष्ट में रहते हैं। कुछ लोग गलत राह पर चल पड़ते हैं जिससे समाज की छवि खराब होती है। अतः, हमें शिक्षा को बढ़ावा देना चाहिए। लोगों को शिक्षा की ओर जागरूक करेंगे तभी हमारा देश उन्नति के मार्ग पर चल पाएगा।

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