हमारे देश में कई पवित्र नदियाँ बहती हैं। इन पवित्र नदियों को मानव अपवित्र कर रहा है। इसे रोकने
के लिए आप अपने अमूल्य सुझाव दीजिए।
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हमारे देश में कई पवित्र नदियां बहती है । इन पवित्र नदियों को मानव प्रवृत्ति कर रहे हैं । इसका सबसे बड़ा कारण है :- आस्था और मजबूरी ।
- लोग अपनी आस्था में नदियों में डुबकी लगाते हैं और सोचते हैं कि हमारे सारे पाप इसमें धुल जाएंगे और हम पवित्र हो जाएंगे ।
- लोग आस्था में अंधे हो जाते हैं । पूजा पाठ में जितने भी पूजा सामग्री लगती है
- उन सबों को नदियों में ही प्रवाहित करते हैं । जिससे हमारी नदियां बहुत ज्यादा अपवित्र होते जा रही है।
- आए दिन हजारों की संख्या में श्रद्धालु गंगा यमुना जैसे पवित्र नदियों की और अपनी आस्था जताने के लिए चलते हैं । जिसमें वह ऐसी नदियों को गंदा करते हैं ।
- दूसरा कारण है मजबूरी ।
- पूरे शहर का नाला नदियों में जाकर ही मिलता है । हमारे शहर में जितने भी गंदगी है कचड़े हैं वह सभी नाला के द्वारा नदियों में ही बहाए जाते हैं ।
- उद्योगों का कचरा गंगा यमुना कृष्णा गोदावरी जैसे बड़ी नदियों में नालों के द्वारा बहाइ जाती है । जिससे कि हमारी यह पवित्र नदियां दूषित हो रही है ।
- उद्योगपति अपने उद्योग का सारा कचरा गंदगी नदियों में बढ़ते हैं । यह उनकी मजबूरी भी है और उनकी लापरवाही भी क्योंकि उनके पास इन कचड़ो को बहाने के लिए कोई साधन नहीं है ।
- सरकार को इस पर ध्यान देना चाहिए लेकिन उनकी आंखें जो खुलती है तब वह सफाई अभियान चलाते हैं ।
- नदियों की सफाई के लिए हमें भी आगे आना चाहिए क्योंकि हम ही नदियों को गंदा करते हैं और उन्हें साफ नहीं करते ।
- सारी नदियां दूषित हो रही है जिसके कारण जलीय जीव नष्ट हो रहे हैं ।
- 1 दिन जलीय जीव अपने पतन / विलुप्त की ओर खड़े होंगे ।
- इसे रोकने के लिए सरकार को ठोस कदम उठाने चाहिए और बहुत सारे नियम बनाने चाहिए ।
- जैसे घूमने वाले बड़ी नदियों में हम खाने पीने का सामान और जो शडते गलते ना हो ऐसे पदार्थ ना ले जाए ।
- जिसे नदिया दूषित होती है ऐसे चीजों को नदियों में ना फेंके ।
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