हमारे विद्यालय में स्वच्छता अभियान कार्यक्रम का आयोग किया गया उसके नंगे में अपने बड़े भाई को पत्र लिखिए।
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क्या याद है आपको जब महात्मा गांधी ने अपने आसपास के लोगों को स्वच्छता बनाए रखने संबंधी शिक्षा प्रदान कर राष्ट्र को एक उत्कृष्ट संदेश दिया था। शायद कुछ लोगों को याद होगा और जिन्हें याद नहीं होगा उन लोगों को मैं याद दिलाना चाहूंगा, गांधी जी ने “स्वच्छ भारत” का सपना देखा था जिसके लिए वह चाहते थे कि भारत के सभी नागरिक एक साथ मिलकर देश को स्वच्छ बनाने के लिए कार्य करें और इस सपने को साकार बनायें।
कुल मिलाकर सच्चाई यही है कि इस सपने को साकार बनाने के लिये देश और प्रदेश के युवा को आगे आना होगा और गांधी जी के सपने को हकीकत में बदलने का प्रयास करना होगा। वर्तमान समय में स्वच्छता हमारे लिए एक बड़ी चुनौती है। यह समय भारत वर्ष के लिए बदलाव का समय है, बदलाव के इस दौर में यदि हम स्वच्छता के क्षेत्र में पीछे रह गए तो आर्थिक उन्नति का कोई महत्व नहीं रह जाएगा। साथ ही हमें इसे एक बड़े स्तर पर भी देखने की जरूरत है ताकि हमारे पर्यावरण को प्रदूषित होने से बचाया जा सके।
साफ-सफाई केवल सफाई कर्मचारियों की ही जिम्मेदारी नहीं है, यह हम सभी नागरिकों की जिम्मेदारी है कि हम अपने शहर और गांवों को साफ और सुरक्षित रखें। हमें यह नजरिया बदलना होगा और मैं जानता हूं कि इसे केवल एक अभियान बनाने से कुछ नहीं होगा। पुरानी आदतों को बदलने में समय लगेगा लेकिन यह इतना मुश्किल काम भी नहीं है। इस अभियान के जरिये “2019 में महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के अवसर पर भारत उन्हें स्वच्छ भारत के रूप में सर्वश्रेष्ठ श्रद्धांजलि दे सके”।
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क्या याद है आपको जब महात्मा गांधी ने अपने आसपास के लोगों को स्वच्छता बनाए रखने संबंधी शिक्षा प्रदान कर राष्ट्र को एक उत्कृष्ट संदेश दिया था। शायद कुछ लोगों को याद होगा और जिन्हें याद नहीं होगा उन लोगों को मैं याद दिलाना चाहूंगा, गांधी जी ने "स्वच्छ भारत” का सपना देखा था जिसके लिए वह चाहते थे कि भारत के सभी नागरिक एक साथ मिलकर देश को स्वच्छ बनाने के लिए कार्य करें और इस सपने को साकार बनायें ।
कुल मिलाकर सच्चाई यही है कि इस सपने को साकार बनाने के लिये देश और प्रदेश के युवा को आगे आना होगा और गांधी जी के सपने को हकीकत में बदलने का प्रयास करना होगा। वर्तमान समय में स्वच्छता हमारे लिए एक बड़ी चुनौती है। यह समय भारत वर्ष के लिए बदलाव का समय है, बदलाव के इस दौर में यदि हम स्वच्छता के क्षेत्र में पीछे रह गए तो आर्थिक उन्नति का कोई महत्व नहीं रह जाएगा। साथ ही हमें इसे एक बड़े स्तर पर भी देखने की जरूरत है ताकि हमारे पर्यावरण को प्रदूषित होने सेबचाया जा सके।
साफ-सफाई केवल सफाई कर्मचारियों की ही जिम्मेदारी नहीं है, यह हम सभी नागरिकों की जिम्मेदारी है कि हम अपने शहर और गांवों को साफ और सुरक्षित रखें। हमें यह नजरिया बदलना होगा और मैं जानता हूं कि इसे केवल एक अभियान बनाने से कुछ नहीं होगा। पुरानी आदतों को बदलने में समय लगेगा लेकिन यह इतना मुश्किल काम भी नहीं है। इस अभियान के जरिये “2019 में महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के अवसर पर भारत उन्हें स्वच्छ भारत के रूप में सर्वश्रेष्ठ श्रद्धांजलि दे सके”