History, asked by rajni1993, 9 months ago

हम सिंदूरी रेख बनेंगे
नाए जाएँ: जैसे-विद्या, चिन,
एक बनेंगे, नेक बनेंगे।
मानब की धरती प्यासी है,
फूलों का उपवन बासी है।
ऊँचे उठ-उठ, बादल बनकर,
की मात्रा का प्रयोग संबंधित
रिमझिम का अभिषेक बनेंगे,
बुद्धिमान, चिह्नित आदि।
एक बनेंगे, नेक बनेंगे!
जो पथ में भूले-भटके हैं,
को, मोहन से आदि।
और रुकावट से अटके हैं।
को, उससे, उसपर आदि।
उनके मन का हटा अँधेरा,
अलग लिखा जाए जैसे-
एक बनेंगे, नेक बनेंगे।
नो, महात्मा जी आदि।
, प्रतिशत, मानवमात्र,
रवि-सा चलना, हिम-सा गलना,
हम सबको दीपक-सा जलना।
गीतों से दुनिया को भरने,
एक बनेंगे, नेक बनेंगे!
अपनी जननी विश्व-भारती,
लो, मिल-जुलकर करें आरती।
एक नया संसार बसाने,
भाई हम प्रत्येक बनेंगे,
एक बनेंगे, नेक बनेंगे!
परमेश्वर द्विरेफ
नयी-नई,
हुवा हुआ।
मोर, पपीहा, भेक बनेंगे,
व आदि।
गया है उसे न
दौड़कर, पढ़कर​

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Answered by Astitva3591
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mast kavita hai yrr thanks. to send

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