Hindi, asked by vihaanmathur10, 2 months ago

'हम स्वयं बंधे थे और स्वयं हम अपने बंधन तोड़ चले'
पंक्ति का अर्थ बताइए​

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Answered by mufiahmotors
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Answer:

रहीम के दोहों से हमें सीख मिलती है कि हमें अपने मित्र का सुख-दुख में बराबर साथ देना चाहिए। हमारे मन में परोपकार की भावना होनी चाहिए। जिस प्रकार प्रकृति हमारे लिए सदैव परोपकार करती है, उसी प्रकार हमें दूसरों की मदद करनी चाहिए। रहीम वृक्ष और सरोवर की ही तरह संचित धन को जन कल्याण में खर्च करने की सीख देते हैं।

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