Math, asked by fasi15249, 19 days ago

हम सब भारत के रहने वाले हैं भारत हमारी मातृभूमि कहानी है​

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Answered by ravi003579
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भारत हमारी मातृभूमि है। यह हमारी मां के समान है और हमें प्राण से भी प्रिय है। हमें अपने भारत पर गर्व है। साथ ही ऐसे देश का नागरिक होना अपने आप में गौरवान्वित करता है। यह देश सभ्यता और संस्कृति का धनी है। यहां महिलाओं को माता व देवियों के समान पूजा जाता है जो किसी अन्य देश में देखने को नहीं मिलता है। शांति सछ्वाव और प्रेम का हमेशा अग्रदूत रहा है भारत। यहां एक से बढ़कर एक राजनेता, ऋषिमुनी ने जन्म लिया। यहां तक कि देवी देवताओं का अवतार भी इसी देश में हुआ। ऐसे में इस देश का नागरिक होना कितनी सम्मान की बात है। आप स्वत: महसूस कर सकते हैं। यहां की जलवायु और मौसम भी काफी रोचक है। साथ ही सभी धर्म व संप्रदाय के लोग एक साथ रहते हैं। यहां विभिन्नता में एकता पायी जाती है।

हमारे देश के संविधान में सबको समान रूप से जीने का अधिकार दिया है। विश्व के किसी भी देश के नागरिक को अपने राष्ट्र के प्रति समर्पित रहना चाहिए। जो नागरिक शब्द की सार्थकता को प्रमाणित करता है। प्रत्येक नागरिक का यह कर्तव्य होता है कि वह देश की एकता एवं अखंडता के लिए हर संभव प्रयास करे और लगातार ईमानदारी एवच् सच्चाई पूर्वक अपने कर्तव्यों का पालन करे। तभी एक देश सफल राष्ट्र के रूप में उभरकर सामने आयेगा। जो विश्व की महाशक्ति की ओर अग्रसर होगा। आदर्श नागरिक अपने प्राप्तियों से समाज और देश को लाभांवित करने का प्रयास करता है जब वह अपने गुणों और साम‌र्थ्य से समाज और देश का भला करने लगता है तब हमारी नागरिकता की प्रतिष्ठा और प्रतिभा को चार चांद लग जाते है।

हमारे देश के संविधान में सबको समान रूप से जीने का अधिकार दिया है। विश्व के किसी भी देश के नागरिक को अपने राष्ट्र के प्रति समर्पित रहना चाहिए। जो नागरिक शब्द की सार्थकता को प्रमाणित करता है। प्रत्येक नागरिक का यह कर्तव्य होता है कि वह देश की एकता एवं अखंडता के लिए हर संभव प्रयास करे और लगातार ईमानदारी एवच् सच्चाई पूर्वक अपने कर्तव्यों का पालन करे। तभी एक देश सफल राष्ट्र के रूप में उभरकर सामने आयेगा। जो विश्व की महाशक्ति की ओर अग्रसर होगा। आदर्श नागरिक अपने प्राप्तियों से समाज और देश को लाभांवित करने का प्रयास करता है जब वह अपने गुणों और साम‌र्थ्य से समाज और देश का भला करने लगता है तब हमारी नागरिकता की प्रतिष्ठा और प्रतिभा को चार चांद लग जाते है।रश्मि पांडेय, प्राचार्य, आचार्य सुदर्शन पब्लिक स्कूल, नगरा

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