हम सब सुमन एक उपवन के से कवि का तात्पर्य है?
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हम सब सुमन एक उपवन के से कवि का तात्पर्य है?
यह कविता द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी द्वारा लिखी गई है इसमें कवि यह समझाना चाहते है
हम मनुष्य सब इस धरती में पैदा हुए और बड़े हुए इस मिटटी में और जल में, हम मनुष्य है इस धरती के| हमारे रंग-रंग अलग है पर शोभा मिलकर बनाते इस धरती की | हम सबका एक ही माली है| सूरज-चंदा सब एक है सब एक सा मिला सबको हम मनुष्य है इस धरती के| मुश्किलों में भी हम सबने हंस कर जीना सिखा , एक साथ चल कर हमने जीना सिखा| धन और निर्धन सब मनुष्य है इस धरती के|
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