हमे तूफानों से क्यों नही डरना चाहिए ?
Answers
Answer:
तूफानों से क्या डरना कविता:-
Explanation:
नफ़रत करना नहीं किसी से , प्यार सभी से करना जी तूफाँ तो आते रहते है, इनसे भी क्या डरना जी, हिम्मत करने वालों को, मिलती मदद सब लोगों की, सत्कर्मों की तूलिका से, जीवन में रंग भरना जी
हार जीत का खेल है जीवन, खेल समझकर खेलो जो भी मिलता, हाथ बढ़ाकर, खुशी-खुशी तुम ले लो। जब तक जियो, हँसकर कर जियो इक दिन सबको जाना जी
तूफाँ तो आते रहते हैं, इनसे भी क्या डरना जी
धूप-छांव जीवन का हिस्सा, कभी उजाला, अंधेरा, कभी
रात हो चाहे जितनी लंबी, उसका भी है अंत सवेरा। समय एक-सा कभी न रहता, थोड़ा धीरज धरना जी, तूफाँ तो आते रहते हैं, इनसे भी क्या डरना जी
देह-अभिमान के कारण, देखो कितनी महामारी है, सबको सच्ची राह दिखाना, अपनी जिम्मेदारी है। आत्मज्ञान के दीप जलाकर, दूर अंधेरा करना जी, तूफाँ तो आते रहते हैं, इनसे भी क्या डरना जी।