Hindi, asked by shivrambihar, 8 hours ago

हम दिग्भ्रमित क्यों और कैसे हो रहे हैं​

Answers

Answered by ssandeepkumar87
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Answer:

लेखक के अनुसार उपभोग का भोग करना ही सुख है। अर्थात् जीवन को सुखी बनाने वाले उत्पाद का ज़रूरत के अनुसार भोग करना ही जीवन का सुख है।

PLEASE MARK ME AS A BRAINLEAST.

Answered by gajusingh753
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अपनी संस्कृति के क्षीण होने के कारण

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