Hindi, asked by shivaprasadshilagani, 6 months ago

हमीद के कया कहने पर दादी का क्रोध रुकता रहने के बादल गया​

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Answered by amber1234
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Answer:

वाक्य में शब्दों के प्रयुक्त होने पर शब्द पद कहलाते हैं। वाक्य में शब्द नहीं, पद होते हैं। वाक्य में प्रत्येक पद के स्वरूप तथा अन्य पदों के साथ उसका संबंध बताने की क्रिया को पद-परिचय कहते हैं।

पदपरिचय का अर्थ है वाक्य में प्रयुक्त पदों का व्याकरणिक परिचय देना। 'पदनिर्देश', 'पदच्छेद', 'पदविन्यास', पदपरिचय के ही पर्यायवाची शब्द हैं। पदपरिचय में वाक्य के पदों का परिचय, उनका स्वरूप एवं दूसरे पदों के साथ उनके संबंध को दर्शाना होता है, अर्थात व्याकरण संबंधी ज्ञान की परीक्षा और उस विद्या के सिद्धांतों का व्यावहारिक उपयोग ही पदपरिचय का मुख्य उद्देश्य है।

पद परिचय के भेद

प्रयोग के आधार

Answered by Asimmahi
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Answer:

पढ़ता : क्रिया, सामान्य वर्तमान, पुल्लिंग, एकवचन, सकर्मक, वाक्य का विधेय है।

हैं : सहायक क्रिया, वर्तमान काल और वाक्य का विधेय है।

(2) जो परिश्रम करेगा, वह अवश्य सफल होगा।

जो : सर्वनाम, संबंधवाचक, पुल्लिंग, एकवचन, कर्त्ताकारक, 'करेगा' क्रिया का कर्त्ता।

परिश्रम : संज्ञा, भाववाचक, पुलिंग, एकवचन, कर्मकारक, 'करेगा' क्रिया का कर्म।

करेगा : क्रिया, सकर्मक, सामान्य, भविष्यत काल, पुलिंग, एकवचन, प्रथम पुरुष, 'जो' कर्त्ता की क्रिया।

वह : सर्वनाम, पुरुषवाचक, पुलिंग, एकवचन, अन्य पुरुष, कर्त्ता कारक, 'होगा' क्रिया का कर्त्ता और वाक्य का उद्देश्य है।

अवश्य : अव्यय, क्रियाविशेषण।

सफल : विशेषण, गुणवाचक, 'वह' इसका विशेष्य है।

होगा

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