हम दोनों चाहे सारी दुनिया की विद्या पढ़ लें अम्माँ और दादा को हमें
समझाने का और सुधारने का अधिकार हमेशा रहेगा।'
बड़े भाई साहब ने छोटे भाई से यह कथन कब व क्यों कहा? इससे
बड़े भाई साहब की कौन-सी चारित्रिक विशेषता उभरकर सामने
आती है? वर्णन कीजिए।
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- मेरे भाई साहब मुझसे पाँच साल बड़े थे, लेकिन केवल तीन दरजे आगे। उन्होंने भी उसी उम्र में पढ़ना शुरू किया था जब मैने शुरू किया था; लेकिन तालीम जैसे महत्व के मामले में वह जल्दबाजी से काम लेना पसंद न करते थे। इस भावना की बुनियाद खूब मजबूत डालना चाहते थे जिस पर आलीशान महल बन सके। एक साल का काम दो साल में करते थे। कभी-कभी तीन साल भी लग जाते थे। बुनियाद ही पुख्ता न हो, तो मकान कैसे पायेदार बने!
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