- हमें दीवाली में बारुद(पटाखे) क्यो नहीं जलाना चाहिए?
Answers
Answer:
because it cause pollution that is harmful for our health
Explanation:
जब पटाखे जलते व फूटते हैं तो उससे वायु में सल्फर डाइआक्साइड व नाइट्रोजन डाइआक्साइड आदि गैसों की मात्रा बढ़ जाती है। ये हमारे शरीर के लिए नुकसानदेह होती हैं। पटाखों के धुएँ से अस्थमा व अन्य फेफड़ों संबंधी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।
पटाखों की आवाज हमारी श्रवण शक्ति पर भी प्रभाव डालती है। इससे भविष्य में हमारी श्रवण शक्ति कमजोर हो सकती है।
आम दिनों में शोर का मानक स्तर दिन में 55 व रात में 45 डेसिबल के लगभग होता है परंतु दीपावली आते-आते यह 70 से 90 डेसिबल तक पहुँच जाता है। इतना अधिक शोर हमें बहरा करने के लिए पर्याप्त है।
* पटाखे, हादसों का पर्याय :-
कोई चीज हमें नुकसान पहुँचा सकती है। यह जानते हुए भी हम उसका उपयोग करते हैं। पटाखे हादसों का पर्याय हैं। हमारी थोड़ी-सी लापरवाही हमारे अमूल्य जीवन को बर्बाद कर सकती है। यह जानते हुए भी हम अपने शौक के खातिर हँसते-हँसते अपनी जान को दाँव पर लगाते हैं।
पटाखों की धमक हमारे चेहरे पर जरूर मुस्कान लाती है, पर यह मुस्कान हमारी बर्बादी का पूर्वाभ्यास होती है। इसका आभास हमें उस वक्त नहीं होता जब हम पटाखों की रोशनी में खो जाते हैं।
आशा है यह उत्तर आपके काम आए ।