Hindi, asked by vijayshri1985, 2 months ago

हम दीवानों की क्या इस्ती, हैं आज थडा,कल वडाँचले, सस्सी का मालम साथचला, हम धूल उड़ाते जडाँचले। आर बनकर उल्लास अभी, आँसू बनकर बहजले सभी, सब कहने ही रह पाएभरे, आए, कहाँचला तुम कैसे



इस काव्यांश से हमें क्या सीख मिलती है​

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Answered by MansiPoria
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Answer:

दीवाने उन्हें कहते हैं जो हर हाल में मस्त रहते हैं। सुख या दुख का उनपर कोई गहरा प्रभाव नहीं पड़ता और वे वर्तमान काल में जीने में विश्वास करते हैं।

दीवानों की कोई हस्ती नहीं होती है, मतलब उन्हें इसका कोई घमंड नहीं होता कि वे कितने बड़े आदमी हैं, और ना ही इसका मलाल होता है कि उन्हें किसी चीज की कमी है। उनके साथ हमेशा मस्ती का आलम होता है और वे जहाँ भी जाते हैं गम को धूल में उड़ा देते हैं।

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