हम उस धरती के लड़के हैं,जिस धरती की बातें
क्या कहिए; अजी क्या कहिए;हाँ क्या कहिए।
यह वह मिट्टी,जिस मिट्टी में खेले थे यहाँ ध्रुव - से बच्चे।
यह मिट्टी,हुए प्रहलाद जहाँ,जो अपनी लगन के थे सच्चे।
शेरों के जबड़े खुलवाकर,थे जहाँ भरत दतुली गिनतें,
जयमल-पत्ता अपने आगे,थे नहीं किसी को कुछ गिनते।
इस कारण हम तुमसे बढ़कर,हम सबके आगे चुप रहिए।
अजी चुप रहिए,हाँ चुप रहिए। हम उस धरती के लड़के हैं
बातों का जनाब,शऊर नहीं,शेखी न बधारे,हाँ चूप रहिए।
हम उस धरती की लड़की है, जिस धरती की बातें क्या कहिए।
...
प्र. २) कविता से प्राप्त संदेश लिखिए।
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प्रस्तुत कविता द्वारा कवि ने लड़का और लड़की के मध्य समानता का संदेश दिया है। दोनों में से कोई छोटा और बड़ा नहीं है। सभी लोग समान है हमें निरर्थक अपने पर गर्व नहीं करना चाहिए।
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Explanation:
बातों का जनाब,शऊर नहीं,शेखी न बधारे,हाँ चूप रहिए।
हम उस धरती की लड़की है, जिस धरती की बातें क्या कहिए
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