हम विज्ञान लोक के वासी निबंध
Answers
(निबंध)
हम विज्ञान लोक के वासी
वर्तमान समय का युग विज्ञान का युग है और चारों तरफ विज्ञान का वर्चस्व है। हमारे दैनिक जीवन में रोजमर्रा की वस्तुओं से लेकर विशेष वस्तुओं तक सबकुछ विज्ञान की देन है अतः हम यह कह सकते हैं कि हम एक विज्ञान लोक के वासी हैं। हम जिस जगत में रह रहे हैं वह अब विज्ञान लोक बन चुका है। आज के समय में विज्ञान ने हर क्षेत्र में एक क्रांति ला दी है। विज्ञान की उपलब्धियां उल्लेखनीय हैं जीवन के हर क्षेत्र में विज्ञान में मानव के लिये एक वरदान की बना है।
आज विज्ञान की सहायता से हमने अपने जीवन को कितना सुगम बना लिया है, वरना मानव के प्राचीन काल के जीवन पर नजर डालें तो पता चलता है कि प्राचीन समय जीवन कितना कठिन होता था क्योंकि तब विज्ञान ने इतनी उन्नति नही की थी। तब आवगमन के साधन इतने सुलभ नही थे, बिजली नही थी, पानी के साधन भी इतने सुलभ नही थे। यंत्र नही थे। चिकित्सा विज्ञान ने इतनी उन्नति नही की थी। इन सब कारणों से मानव जीवन कठिन व दुरुह था। धीरे-धीरे विज्ञान में उन्नति हुई और विज्ञान की सहायता से मानव ने अपने जीवन को सरल व सुगम बना लिया है।
अब तो विज्ञान के चमत्कार के कारण ही मानव बहुत कम समय में कहीं से कहीं पहुंच जाता है। विज्ञान ने कंप्यूटर नामक ऐसा अविष्कार दिया है। जिसने मानव के कार्य को बेहद सुगम बना दिया है। अनेक मशीने हैं जिनकी सहायता से मानव अपने घर में आरामदायक जीवन जीता है।
विज्ञान के कारण ही मनुष्य आज अंतरिक्ष तक पहुंच गया है संचार के क्षेत्र में दूर की छलांग लगाई है। इंटरनेट आदि के कारण विश्व एक वैश्विक गांव में बदल गया है। यह सब विज्ञान के कारण ही संभव हुआ है। विज्ञान ने हमें जहां अनेक वरदान दिए हैं वहीं विज्ञान के कारण कुछ खतरे भी पैदा हुए हैं जैसे कि एटम बम, एटमी हथियार आदि। ये सब मानवता के विनाश के लिये एक खतरा हैं। लेकिन यह मानव के विवेक के ऊपर है कि इन चीजों का उपयोग समझदारी से करें और विज्ञान को वरदान ही रहने दे अभिशाप ना बनाएं।
कुल मिलाकर हम कह सकते हैं कि विज्ञान ने हमें वरदान अधिक दिए हैं और हमारे जीवन को बेहद सरल बनाया है, इसके लिए हमें विज्ञान के इस युग में रहने पर गर्व है।
चारों तरफ का विज्ञान का साम्राज्य है इसलिए हम बिल्कुल गर्व के साथ कहते हैं कि हम एक विज्ञान लोक के वासी हैं। ।
पिछले कुछ सालों में विज्ञान श्रेणी में अनेक रूपक बदल दिखाई देते है। मानवी जाती के बुद्धिमत्ता के वजह से आधुनिक उपकरणों की तादाद बढ़ गई है। इसलिए हम यह कह सकते है कि हम विज्ञान लोक के व्यासी है।
आजकल, जैसे जैसे समय बीत रहा है वैसे वैसे आधुनिकता बढ़ रही है। दैनिक जीवन में इस उपकरणों के सिवा रोजकल के काम सफल नहीं हो पाते। उदर्नाथ मोबाइल फोन का इस्तमाल इस काल में जरूरी हो चुका है और उसके बिना काम अधूरे ही रहते है। संगणक नहीं होगा तो ऑफिस/डाक के काम पूरे नहीं हो पाते क्युकी पूरे काम उसी पर किए जाते है। तथा अभी भारत देश भी अंतरिक्ष में चंद्रयान २ ऐसे अनेक अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रम निभ रहा है। इस सभी कहानियों के बारे में सोचते समय हम सब लोग विज्ञान लोक के व्यासी है यह केहना उचित है।