हमने दुःख के महासिंधु से सुख का मोती बीना है और उदासी के पंजों से हँसने का सुख छीना है मान और सम्मान हमें ये याद दिलाते है पल पल भीतर भीतर मरना है पर बाहर बाहर जीना है।
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दूरियों से फर्क नहीं पड़ता,
बात तो दिल की नजदीकियों से होती है,
दोस्ती तो आप जैसे कुछ खास लोगो से होती है,
वरना मुलाकात तो...
रोज बहुत से लोगो से होती है।
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my self palak
from Delhi
and you
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