हमने दुःख के महासिंधु से सुख का मोती बीना है और उदासी के पंजों से हँसने का सुख छीना है मान और सम्मान हमें ये याद दिलाते है पल पल भीतर भीतर मरना है पर बाहर बाहर जीना है। okkk sorry disturb u aab main answer duu
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reply ayrr
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pls I can be ur friend only pls reply what Is ur answer
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WOW SUCH A NICE THOUGHT.
ARE U SAD
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