Hindi, asked by Abhipsaaaa3727, 6 months ago

Hamara rashtriy dhwaj par anuchched

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Answered by devguru01
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भारत के राष्ट्रीय ध्वज को तिरंगा कहते हैं, राष्ट्रीय ध्वज देश की स्वतंत्रता का प्रतीक होता है। हमारे राष्ट्रीय ध्वज में, तीन रंग विद्यमान हैं, इसके वजह से इसका नाम तिरंगा रखा गया है। पहले के राष्ट्रध्वज संहिता के अनुसार केवल सरकार तथा उनके संगठन के माध्यम से ही राष्ट्र पर्व के अवसर पर ध्वज फहराने का प्रावधान था। परन्तु उद्योगपति जिन्दल के न्यायपालिका में अर्जी देने के बाद ध्वज संहिता में संशोधन लाया गया। कुछ निर्देशों के साथ निजी क्षेत्र, स्कूल, कार्यालयों आदि में ध्वज लहराने की अनुमति दी गई।

राष्ट्रीय ध्वज में रंगों के मायने तथा महत्व

राष्ट्र ध्वज में तीन रंग सुशोभित हैं, इसकी अभिकल्पना स्वतंत्रता प्राप्ति के कुछ ही समय पूर्व पिंगली वैंकैया ने किया था। इसमें केसरिया, सफेद तथा हरे रंग का उपयोग किया गया है। इनके दार्शनिक तथा अध्यात्मिक दोनों ही मायने हैं।

केसरिया- भगवाँ मतलब वैराग्य, केसरिया रंग बलिदान तथा त्याग का प्रतीक है, साथ ही अध्यात्मिक दृष्टी से यह हिन्दु, बौद्ध तथा जैन जैसे अन्य धर्मों के लिए अस्था का प्रतीक है।

सफेद- शान्ति का प्रतीक है तथा दर्शन शास्त्र के अनुसार सफेद रंग स्वच्छता तथा ईमानदारी का प्रतीक है।

हरा- खुशहाली और प्रगति का प्रतीक है तथा हरा रंग बिमारीयों को दूर रखता है आखों को सुकून देता है व बेरेलियम तांबा और निकील जैसे कई तत्व इसमें पाए जाते हैं।

राष्ट्रध्वज की बनावट

इसकी प्रत्येक पट्टियां क्षैतिज आकार की हैं। सफेद पट्टी पर गहरे नीले रंग का अशोक चक्र अपनी 24 आरों के साथ तिरंगा की शोभा बढ़ा रहा है। जिसमें 12 आरे मनुष्य के अविद्या से दुःख तक तथा अन्य 12 अविद्या से निर्वाण (जन्म मृत्यु के चक्र से मुक्ति) का प्रतीक है। ध्वज की लम्बाई तथा चौड़ाई का अनुपात 3:2 है। राष्ट्रीय झंडा निर्दिष्टीकरण के अनुसार राष्ट्रध्वज हस्त निर्मित खादी कपड़े से ही बनाया जाना चाहिए।

निष्कर्ष

भारत का राष्ट्रध्वज देश का शान, गौरव तथा अभिमान होता है। इसकी अभिकल्पना महान पुरूषों द्वारा बहुत सोच समझ कर की गई है। जिसमें प्रत्येक रंग तथा चक्र देश की एकता, अखण्डता, विकास तथा खुशहाली को दर्शाता हैं।

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