Hamare Rashtriya Parv par nibandh 200 to 250
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15 अगस्त 1947 के दिन भारत को आजादी मिली थी और तभी से प्रत्येक वर्ष 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह स्वतंत्रता दिवस उन स्वतंत्रता सेनानियों को सम्मान देने के लिए भी मनाया जाता है जिन्होंने हमारे देश की आजादी के लिए निःस्वार्थ रूप से अपने प्राणों का बलिदान दिया। प्रत्येक वर्ष उनके इन वीर कार्यो के लिए उन्हें याद किया जाता हैं। स्वतंत्रता आंदोलनों और स्वतंत्रता सेनानियों की बहादुरी का वर्णन करने वाले भाषण महान आत्माओं का सम्मान करने और देश के युवाओं को प्रेरित करने के लिए दिए जाते हैं। इस दिन देश भर के विभिन्न स्थानों पर ध्वजारोहण के साथ-साथ सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते हैं।
गणतंत्र दिवस
भारत का संविधान 26 जनवरी 1950 को प्रारुप में आया था। इसे हमारे देश के इतिहास में सबसे महत्वपूर्ण दिन के रुप में माना जाता है। संविधान के गठन के साथ, भारत एक प्रभुत्व राज्य बना और तभी से 26 जनवरी को पुरे देश भर में अति उत्साह के साथ मनाया जाने लगा। मुख्यतः गणतंत्र दिवस समारोह नई दिल्ली के राजपथ में आयोजित किया जाता है। इस कार्यक्रम के दौरान परेड, नृत्य और कई अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं जो भारत के संविधान के प्रति हमारे सम्मान को दर्शाते है। इस दिन देश भर में कई छोटे-बड़े कार्यक्रम आयोजित कर जश्न मनाया जाता हैं।
भारत विभिन्नताओं का देश है । यहाँ विभिन्न जातियों, धर्मों , वेश-भूषा व विभिन्न संप्रदाओं के लोग निवास करते हैं । इनके त्योहार भी भिन्न-भिन्न हैं । ये त्योहार इनके जीवन में नई खुशियाँ व नवचेतना का मार्ग प्रशस्त करते हैं । इन त्योहारों के अतिरिक्त स्वतंत्रता दिवस, गणतंत्र दिवस व गाँधी जयंती राष्ट्रीय पर्व हैं जिन्हें पूरा राष्ट्र एक साथ मिलकर मनाता है ।
ये राष्ट्रीय पर्व समस्त भारतीय जन-मानस को एकता के सूत्र में पिरोते हैं । ये उन अमर शहीदों व देशभक्तों का स्मरण कराते हैं जिन्होंने देश की स्वतंत्रता के लिए जीवन पर्यंत संघर्ष किया और राष्ट्रों की स्वतंत्रता, गौरव व इसकी प्रतिष्ठा को बनाए रखने के लिए अपने प्राणों को भी सहर्ष न्यौछावर कर दिया ।
स्वतंत्रता दिवस हर वर्ष अगस्त माह की पंद्रहवीं तिथि को मनाया जाता है । 15 अगस्त की तिथि सभी भारतवासियों के लिए अत्यत महत्वपूर्ण है क्योंकि इसी दिन शताब्दियों लंबे अंग्रेजी दासत्व के बाद हमारा देश स्वतंत्र हुआ था । इस दिन सत्ता की बागडोर हमने स्वयं सँभाली थी और ऐतिहासिक लाल किले पर भारत का तिरंगा झंडा फहराया था ।
यह स्वतंत्रता राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी के भागीरथ प्रयासों व अनेक महान नेताओं तथा देशभक्तों के बलिदानों की गाथा है । यह स्वतंत्रता इसलिए और भी महत्वपूर्ण है क्योंकि भारत को आजादी बंदूकों, तोपों से नहीं अपितु गाँधी जी के महान आदर्शों, सत्य व अहिंसा के पथ पर चलकर प्राप्त हुई ।
15 अगस्त के दिन प्रत्येक वर्ष भारत के माननीय प्रधानमंत्री जी लाल किले पर राष्ट्रीय झंडा (तिरंगा झंडा) फहराते हैं तथा राष्ट्र के अपने संबोधन में पिछले वर्ष सरकार द्वारा किए गए कार्यों का लेखा-जोखा प्रस्तुत करते हैं तथा अनेक नवीन योजनाओं की उद्घोषणा होती है ।
राजधानी दिल्ली में यह उत्सव विशेष धूमधाम से मनाया जाता है । इस दिन जगह-जगह विशेष प्रकार के आयोजन किए जाते हैं । चारों ओर देशभक्ति के संगीत से पूरा वातावरण झूम उठता है । ध्वजारोहण के उपरांत राष्ट्रगान होता है । रात्रि में दीपों की जगमगाहट, विशेषकर संसद भवन व राष्ट्रपति भवन की सजावट देखते ही बनती है ।
15 अगस्त की भाँति 26 जनवरी अर्थात् ‘गणतंत्र दिवस’ भी हमारा एक राष्ट्रीय पर्व है । 26 जनवरी 1950 ई॰ को हमारे देश का अपना संविधान लागू हुआ था । हमारा संविधान विश्व का सबसे विस्तृत संविधान है । इसी दिन हमारा राष्ट्र पूर्ण स्वायत्त गणतांत्रिक राज्य बना अर्थात भारत को संपूर्ण प्रभुसत्ता संपन्न गणराज्य घोषित किया गया । गणतंत्र दिवस हमें 26 जनवरी 1930 ई॰ का स्मरण कराती है क्योंकि इसी दिन नेहरू जी की अध्यक्षता में पहली बार पूर्ण स्वतंत्रता दिवस मनाया गया था।